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टेलीकॉम सेक्टर को तोहफाः बिना सरकारी इजाजत कर पाएंगे 100 फीसदी विदेशी निवेश, अब सिम कार्ड के लिए नहीं भरना पड़ेगा केवाईसी फॉर्म

दिल्लीः वित्तीय बोझ तले दबे टेलीकॉम सेक्टर के लिए केंद्र सरकार ने राहत पैकेज की मंजूरी दी है। सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र को चौथी और पांचवीं पीढ़ी की दूरसंचार सेवाओं के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आज नौ बड़े ढांचागत सुधार करने का निर्णय लिया। इसमें टेलीकॉम कंपनियों के एजीआर (AGR) यानी सकल समायोजित राजस्व की परिभाषा को तर्कसंगत बनाने, दूरसंचार कंपनियों को सांविधिक बकायों के भुगतान के लिए चार वर्ष की छूट के साथ दस वर्ष का समय देने और अब स्पेक्ट्रम का आवंटन 20 वर्ष के बजाय 30 वर्ष के लिए करना शामिल है।

कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर 9 बडे़ स्ट्रक्चरल बदलाव हुए हैं। एजीआर की परिभाषा को बदला गया है। एजीआर में पहले बहुत ज्यादा ब्याज को कम करके 2 प्रतिशत सालाना किया गया है। इसके अलावा इस पर लगने वाली पेनल्टी को भी खत्म कर दिया गया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। एजीआर  की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई ( FDI) को मंजूरी दे दी गई है। सारे फॉर्म को वेअरहाउसेस में है, वो डिजिटलाइज्ड होंगे। सिम लेते वक्त जितने भी कागज देने पड़ते थे वो वेअरहाउस में थे। उन्हें डिजिटलाइज्ड किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब केवाईसी (KYC ) पूरी तरह ऑनलाइन होगी। सिम लेने या पोस्टपेड से प्रीपेड कराने जैसे सभी कामों के लिए अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा। इसके लिए डिजिटल केवाईसी  मान्य होगी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए चार साल का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यानी वे अपना बकाया चार साल के लिए टाल सकते हैं,  लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा। यह व्यवस्था पिछली डेट में नहीं बल्कि अब से लागू होगी।

उन्होंने बताया कि टावर सेटअप करने का प्रॉसेस में कई विभागों के अप्रूवल लगते थे। अब सेल्फ अप्रूवल से काम चल जाएगा। अब एक ही पोर्टल DOT से अप्रूवल मिल जाएगा। लाइसेंस राज आज से खत्म कर दिया गया है।

पीएलआई स्कीम का किसे मिलेगा फायदा?
पीएलआई  स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो रेवेन्यू और निवेश की शर्तों का पालन करेंगी। फोर व्हीलर कंपनियों को अगले 5 साल में कम से कम 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। वहीं टू और थ्री व्हीलर के लिए 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।

पीएलआई स्कीम क्या है?
पीएलआई स्कीम के तहत सरकार कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन करने पर प्रोत्साहन देगी। सरकार का मकसद उनको ज्यादा निर्यात करने के लिए बढ़ावा देना है। पीएलआई स्कीम का मकसद देश में कॉम्पिटिशन का माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।

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