Subscribe for notification
अंतरराष्ट्रीय

तालिबान का फरमानः महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना, नहीं बन सकती हैं मंत्री

काबुलः हक की खातिर अफगानिस्तान में महिलाओं का आंदोलन तेज होता जा रहा है। अधिकारों और नई सरकार में अपनी भागीदारी को लेकर शुरू हुआ महिलाओं का प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी प्रांत बदख्शां पहुंच गया है। इस बीच तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेतुका बयान दिया है। तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा है कि एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। किसी महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वह नहीं उठा सकती है। महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। हाशमी ने कहा कि महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।

उधर, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने के बाद तालिबानियों ने शरिया कानून के तहत महिलाओं को किसी भी खेल में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान के संस्कृति आयोग ने गुरुवार को कहा कि महिलाएं क्रिकेट समेत उन सभी खेलों में शामिल नहीं हो सकतीं जिनमें उनके चेहरा या शरीर का कोई हिस्सा दिखता हो।

उधर, अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में तालिबान का उत्पात जारी है। तालिबान ने गुरुवार को पंजशीर की राजधानी बाजारख में उत्पात मचाते हुए अफगानिस्तान के हीरो अहमद शाह मसूद के मकबरे में तोड़फोड़ कर दी। आपको बता दें गुरुवार को ही मसूद की 20वीं बरसी थी। अमेरिका में 9/11 हमले के ठीक दो दिन पहले यानी 9 सितंबर 2001 को अलकायदा ने मसूद की हत्या की थी।

जिस बात को लेकर पूरी दुनिया आशंकित है, उसकी तस्वीरें अब सामने आने लगी है। यह तस्वीरें हैं तालिबान सरकार की क्रूरता की। तालिबानियों ने राजधानी काबुल के एक पुलिस स्टेशन में दो पत्रकारों को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा और कपड़े उतरवाकर कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से उनकी बेदम पिटाई की। इन पत्रकारों का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने काबुल में अपने अधिकारों और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कवर किया था।

भारत ने चिंता अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर जताई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि अफगानिस्तान में हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं। उन्होंने तालिबान को संदेश देते हुए कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर हमला करने या आतंकियों को शरण देने के लिए नहीं होना चाहिए। अभी अफगानिस्तान के बच्चों के सपनों को सच करने और अल्पसंख्यकों के हकों की रक्षा करने का वक्त है। भारत, अफगानिस्तान में एक ऐसी व्यवस्था की अपील करता है, जिसमें सभी वर्ग शामिल हों।

admin

Recent Posts

champions trophy 2025: आज सुपर संडे को भिड़ेंगी भारत और पाकिस्तान की टीमें, 2017 के फाइनल का बदला लेने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

स्पोर्ट्स डेस्कः दुबईः क्रिकेट में आज सुपर संडे है। आज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप स्टेज में सबसे बड़ा मुकाबला…

12 hours ago

क्या नौकरियां खत्म कर देगा AI, पढ़िये रिलेवेंट बने रहने के लिए क्या करें

दिल्ली: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लगातार तेजी से विकसित हो रही है और हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना…

12 hours ago

मध्य प्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी, आज बागेश्वर धाम चिकित्सालय की रखेंगे आधारशिला

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से यानी 23 से 25 फरवरी तक मध्यप्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे…

13 hours ago

मौसम ने बदला मिजाज, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी, 13 राज्यों में ओलावृष्टि के अलर्ट

दिल्लीः पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर मौसम बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और…

1 day ago

RSS की वजह से मराठी सीखी, संघ ने लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दीः PM मोदी

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है और वह इस भाषा को…

2 days ago

बीजेपी को वादे याद दिलाने की बजाय कैग की रिपोर्ट पर जवाब देने की तैयारी करें आतिशीः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को नसीहत…

2 days ago