लखनऊः उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने मथुरा और वृंदावन में 10 किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। योगी सरकार ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान को केंद्र में रखकर 10 किलोमीटर वर्ग मीटर के दायरे को निर्धारित किया है। अब इस क्षेत्र में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी।
जिन क्षेत्रों को तीर्थस्थल घोषित किया गया है, उनमें नगर निगम के 22 वार्ड हैं। आपको बता दें कि जन्माष्टमी के दिन योगी आदित्यनाथ मथुरा आए थे और कहा था कि मथुरा के वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री पाबंदी लगाई जाएगी। इन कार्यों में लगे लोगों का अन्य व्यवसायों में पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि मथुरा का भौतिक विकास हो पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी बचाए रखना है, क्योंकि यही देशवासियों की पहचान है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी सरकार के गठने के बाद से ही तीर्थस्थल घोषित करने की कवायद शुरू कर दी थी। अक्टूबर 2017 में कृष्ण की नगरी वृंदावन और राधा की जन्मस्थली बरसाना को तीर्थस्थल घोषित करने की घोषणा हुई थी। यह भी कहा गया था कि सभी सात स्थलों को तीर्थस्थल घोषित किया जाएगा। वृन्दावन में हर साल डेढ़ करोड़ तो बरसाना में 60 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं।
राज्य के धर्मार्थ कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी सात स्थलों वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव को तीर्थस्थल क्षेत्र का दर्जा दिया गया है। ये सभी के सभी मथुरा के ही हैं। वैसे तो प्रदेश में धार्मिक नगरी कई हैं लेकिन सरकार द्वारा औपचारिक तौर पर घोषित तीर्थस्थल क्षेत्र मथुरा के यही सात हैं।