दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को आकाशवाणी तथा दूरदर्शन प्रसारित मन की बात के दौरान जन्माष्टमी का उल्लेख किया और कहा कि लोगों से पर्व मनाएं और उसकी वैज्ञानकिता, संदेश और संस्कार को समझने की अपील की।

पीएम मोदी ने खुद के साथ घटित हुई एक किस्सा सुनाया और कि कल जन्माष्टमी का महापर्व है। कृष्ण के जन्म का पर्व। नटखट कन्हैया से लेकर विराट रूप तक, शास्त्र से शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण को हम जानते हैं। इस महीने की 20 तारीख को सोमनाथ मंदिर से जुड़े कामों का लोकार्पण किया गया। इसके पास एक तीर्थ है, जहां कृष्ण ने अपने जीवन का अंतिम समय बिताया। मेरे आवास के बाहर कोई एक किताब छोड़कर गया था, जिसमें कृष्ण की अभूतपूर्व तस्वीरें थीं। मैंने इस किताब को देने वाले से मिलने का मन किया। मेरी मुलाकात अमेरिकी जेदुरानी दासी से हुई जो इस्कॉन से जुड़ी हैं। सवाल ये था कि जिनका जन्म अमेरिका में हुआ, जो भारतीय भावों से इतना दूर रहीं वो कृष्ण के इतने मोहक चित्र कैसे बना लेती है।

उन्होंने कहा, “जदुरानी जी से मैंने पूछा आपके लिए भारत क्या मायने रखता है, तो उन्होंने कहा- भारत मेरे लिए सब कुछ है। मैंने कुछ दिन पहले राष्ट्रपति से कहा था कि भारत तकनीक में आगे बढ़ रहा है, भारत का ये गौरव नहीं है। इसका गौरव ये है कि कृष्ण यहां हुए, शिव और राम हुए। सभी पवित्र नदियां यहां हैं, वैष्णव संस्कृति यहां है, वृंदावन यहां है और इसलिए मुझे भारत से प्यार है।“

उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग भारत के आध्यात्म से इतना जुड़े हैं तो हमें भी इसे आगे ले जाना है। हम पर्व मनाएं और उसकी वैज्ञानकिता, संदेश और संस्कार को समझें। हम इसे जिएं और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस विरासत को बढ़ाएं।

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