काबुलः अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाहर हुए बम विस्फोट में अपने सैनिकों की मौत का बदला ले लिया है। अमेरिका में ISIS-खुरासान ग्रुप के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया है। अमेरिका ने ये हमला अफगानिस्तान के नांगहार प्रांत में किया गया है। आपको बता दें नांगहार प्रांत पाकिस्तानी सीमा से लगा हुआ है और इसे ISIS का गढ़ माना जाता है।
अमेरिका के रक्षा विभाग के प्रवक्ता कैप्टन बिल अरबन ने दावा किया है कि नांगहार किए गए हमले में काबुल धमाकों का मास्टरमाइंड मारा गया है। वहीं अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट से तुरंत हट जाएं, क्योंकि वहां खतरा है।
आपको बता दें गुरुवार शाम काबुल एयरपोर्ट पर फिदायीन हमले के बाद अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इसका बदला लिया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन न कहा था कि आतंकवादियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारेंगे। काबुल एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी ISIS के खुरासान ग्रुप ने ली थी। इस हमले के 36 घंटे के अंदर ही अमेरिका ने कल रात ISIS-खुरासान ग्रुप के ठिकानों पर ड्रोन स्ट्राइक कर दी।
काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए धमाकों में मरने वालों की संख्या 170 तक पहुंच गई है। इन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिक और 2 ब्रिटिश नागरिक भी मारे गए हैं। वहीं 1270 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर एक और आतंकवादी हमले का खतरा अभी भी मंडरा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सैनिकों के काबुल छोड़ने से पहले आतंकवादी फिर से हमला कर सकते हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री जेन साकी ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। तमाम खतरों के बीच हमारे सैनिक लोगों को निकालने के मिशन में जुटे हैं, लेकिन इस मिशन के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे। आपको बता दें अमेरिका को 31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा छोड़ना है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुकव्रार को इटली के पीएम मारियो ड्रैगी से अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए आतंकी हमले की निंदा की है और अफगानिस्तान में फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है।