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दिल्लीः दिल्‍ली और एनसीआर के स्‍कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का इंतजार जल्द खत्म हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर में अगले महीने स्कूल खुल सकते हैं। स्कूलों को खोलने को लेकर विशेषज्ञ समिति ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने की सिफारिश की गई है। इसका मतलब सबसे पहले सीनियर क्लासेज यानी 9वीं से 12वीं के स्कूल खुलेंगे और उसके बाद जूनियर क्लासेज के स्कूल खोलने की तैयारी की जाएगी। एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट पर अब डीडीएमए की मीटिंग में अंतिम फैसला होगा।

सूत्रों ने बताया कि सभी छात्रों को एक दिन में नहीं बुलाया जाएगा। यानी स्कूल खुलने के बाद एक दिन में 50 पर्सेंट स्टूडेंट्स को बुलाने का नियम लागू हो सकता है। आइए अब आपको दिल्‍ली में स्‍कूल खुलने से जुड़ी हर जरूरी बातों की जनाकारी देते हैं।

• अभी दिल्ली के स्कूलों में 10वीं से 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को एडमिशन, प्रैक्टिकल वर्क से जुड़ी गतिविधियों के लिए स्कूल जाने की इजाजत है।
• राष्ट्रीय राजधानी अब कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है और काफी समय से संक्रमण दर 0.10 फीसदी से कम दर्ज हो रही है।
• दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (डीडीएमए) की 6 अगस्त की बैठक में भी स्कूल खोलने का मुद्दा आया और एक्सपर्ट कमिटी बनाने का फैसला लिया गया था। अब कमिटी की रिपोर्ट को डीडीएमए में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा दूसरी फील्ड के एक्सपर्ट्स के सामने रखा जाएगा और कमिटी की सिफारिशों पर फैसला लिया जाएगा।
• यदि डीडीएमए की हरी झंडी मिलती है तो सितंबर के पहले हफ्ते में ही स्कूल खुल सकते हैं। शुरुआत में एक क्लास में 50 पर्सेंट स्टूडेंट्स को स्कूल बुलाने पर मुहर लग सकती है।

• सूत्रों के मुताबिक सभी क्लासेज के लिए स्कूल खोलने जाने चाहिए और यही बात एक्सपर्ट कमिटी ने भी मानी है। हालांकि इसके लिए एक ठोस प्रक्रिया का पालन करना होगा और स्कूलों के साथ बातचीत कर यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी सख्ती से पालन हो।
• एक्सपर्ट कमिटी ने एसओपी के जरिए अपने सुझाव दिए हैं कि स्कूलों को खोलने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जा सकती है और शुरुआती दिनों में किन क्लासेज के स्टूडेंट्स को स्कूल जाने की इजाजत मिलेगी।
• स्‍कूल खुल भी गए तो क्‍या पैरंट्स बच्‍चों को भेजने पर तैयार होंगे? सरकारी स्कूलों में जुलाई में हुई स्पेशल पीटीएम के दौरान ज्यादातर पैरंट्स ने माना था कि स्कूलों को दोबारा खोल देना चाहिए। अभी प्रैक्टिकल्‍स के लिए भी जो स्‍कूल खुले हुए हैं, उनमें अटेंडेंस काफी कम है।
• ऑल इंडिया पैरंट्स एसोसिएशन लगातार स्‍कूलों को खोलने की डिमांड करती रही है। हालांकि कई पैरंट्स का मानना है कि सरकार को तब तक रुकना चाहिए जब तक बच्‍चों को कोविड-19 वैक्‍सीन की पहली डोज नहीं लग जाती।
• एक्सपर्ट कमिटी ने स्कूल खोलने से पहले सभी टीचर्स तथा स्टाफ के वैक्सीनेशन को जरूरी बताया गया है।

• केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी राज्‍यों से कहा है कि सभी टीचर्स को 5 सितंबर से पहले वैक्‍सीनेट कर दें। स्कूल खोलने से पहले सभी टीचर्स व स्कूल स्टाफ के वैक्सीनेशन को लेकर शिक्षा विभाग ने दिशा- निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने सीनियर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके जोन में स्कूलों के टीचर्स व स्टाफ का वैक्सीनेशन जल्द पूरा हो जाए। सरकारी स्कूलों में टीचर्स व स्टाफ का वैक्सीनेशन तेजी से किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूल भी अपने स्टाफ के लिए वैक्सीनेशन का इंतजाम कर रहे है।

कब खुलेंगे नोएडा में नीजि स्कूल?
उत्‍तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर दिल्‍ली से सटे नोएडा में कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल खुल गए हैं, लेकिन पब्लिक स्कूल नाम मात्र के खुले हैं। वहीं, एक सितंबर से क्लास-1 से 5 तक के बच्चों के भी स्कूल खुल जाएंगे। जब बड़े बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं तो छोटे कैसे जाएंगे। इस पूरे मसले पर आज शहर के स्कूलों की डीआईओएस की मीटिंग है। मीटिंग में छात्रों को स्कूल कैसे बुलाया जाए, इस पर चर्चा होगी।

गुड़गांव तथा फरीदाबाद की क्या है स्थिति?
हरियाणा सरकार ने एक सितंबर से चौथी और पांचवीं तक के छात्रों के लिए भी स्कूलों को खोलने का फैसला किया है। छात्रों को स्कूलों में आकर ही पढ़ाई करनी होगी। प्रदेश के गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार अपने पैरंट्स की अनुमति जरूरी होगी। फिलहाल पहली से तीसरी क्लास तक के बच्चों को स्कूल नही बुलाया जाएगा। 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं क्लास और इसके बाद 23 जुलाई से छठी से आठवीं तक के बच्चों के लिए क्लास शुरू हो चुकी हैं।

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