दिल्लीः यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको फल और सब्जियों के साथ कुछ तरह के बीजों का भी सेवन करना चाहिए। ऐसे ही कुछ बीजों में से एक है अलसी। अलसी चमत्कारी बीज है और इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मिनरल जैसे पोषक तत्वों से भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इसमें अल्फालिनोलिक एसिड होता है, जो सूजन के साथ हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।

अलसी फाइबर का बेहतरीन स्त्रोत होने के लिहाज से इसका उपयोग कब्ज के इलाज के लिए भी होता है। अब लोगों के लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा होगा कि क्या वास्तव में अलसी कब्ज के लिए अच्छी है। इसका उपयोग कैसे करें, तो आइए हम आपको बताते हैं कि अलसी कब्ज के लिए कैसे फायदेमंद है और इसका उपयोग कैसे करना चाहिए।

​कब्ज को करें दूरः- कब्ज एक आम गैस्ट्रोइंटेस्टनाइल समस्या है। इसकी वजह से व्यक्ति को सप्ताह में तीन से कम बार मल आता है। कब्ज से ग्रसित व्यक्ति को सूखा मल, पेट दर्द, सुस्तपन के साथ सूजन की शिकायत होती है। हालांकि कई दवाइयां कब्ज को दूर करने में काफी असरदार हैं, लेकिन अलसी जैसे प्राकृतिक उपचार ने लोगों को बिना दवाओं के सेवन के कब्ज की समस्या में आराम दिलाया है। विशेषज्ञ के मुताबिक अलसी में मौजूद घुलनशील फाइबर पानी में घुल जाता है, जिससे मल नरम पड़ने लगता है और इसे निकलने में आसानी होती है।

​शोध रिपोर्टः- कब्ज में अलसी फायदेमंद है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए एक शोध हुआ, जिसमें 90 प्रतिशत कब्ज वाले लोगों को हर दिन 50 ग्राम अलसी का आटा या 15 मिली लैक्टुलोज सॉल्यूशन दिया गया। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने अलसी का सेवन किया था, उनमें काफी सुधार था। दरअसल, अलसी में फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट गुण और फाइबर भी ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर के साथ वजन घटाने में भी मदद कर सकता है।

वहीं दूसरे अध्ययन में कब्ज और टाइप टू मधुमेह वाले लोगों को दिन में दो बार 10 ग्राम अलसी का प्रीमिक्स और 12 सप्ताह के लिए प्लेसबो का सेवन करने के लिए कहा गया। नतीजों के अनुसार, अलसी से बनी कुकीज ने न केवल कब्ज के लक्षणों में बल्कि उनके कोलेस्ट्रॉल , ट्राइग्लिसराइड और वजन में भी काफी सुधार किया।

किन-किन रोगों में फायदेमंद है अलसीः-

  1. अलसी सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम करती है।
  2. मीनोपॉज वाली महिलाओं में हॉट फ्लैशीज कम कर सकती है।
  3. अलसी की मदद से डायवर्टिकुलर रोग और इरीटेबल बॉवल सिंड्रोम का इलाज करना आसान हो जाता है।
  4. वेट मैनेज करने में अलसी बेहद फायदेमंद है।
  5. डायबिटीज वाले लोगों में अलसी ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद करती है।

​कैसे करें अलसी का उपयोगः-

अलसी होल सीड, ग्राउंड सीड और ऑयल के रूप में आसानी से मिल जाती है। आप इसे किसी भी रूप में ले सकते हैं। हालांकि, कब्ज से राहत पाने के लिए आपको हर दिन 1 से 4 बड़े चम्मच अलसी का सेवन करना चाहिए। अलसी का तेल और साबुत बीज उतने प्रभावी नहीं है, जितना की ग्राउंड सीड के रूप में इसे लेना।

एक्स्ट्रा फाइबर के लिए अलसी को दलिया, सूप या अनाज में मिलाकर खाना अच्छा तरीका है। यदि आपको ये सभी चीजें पसंद नहीं हैं तो दही या स्मूदी में अलसी के बीज मिला लीजिए। एक गिलास पानी में 1 बड़ी चम्मच पिसी हुई अलसी दिन में एक या दो बार पीने से कब्ज की समस्या ठीक हो जाएगी।

​अलसी के साइड इफेक्ट्सः-

आपको बता दें कि अलसी बेशक कब्ज के इलाज में फायदेमंद है, लेकिन इसके भी कुछ दुष्प्रभाव हैं, जिसको लेकर आपको सावधान रहना चाहिए। अलसी का सेवन अच्छा है, लेकिन हर दिन इसका सेवन एक लिमिट में ही करें। सबसे ज्यादा जरूरी है कि इसे खाने के बाद खूब पानी जरूर पीएं।

यदि  आप ऐसा नहीं करते तो कब्ज की समस्या घटने की बजाए बढ़ सकती है। साथ ही आंतों में रूकावट के साथ दस्त की भी शिकायत हो सकती है।एनसीसीआई (NCCIH)  के मुताबिक यदि कोई गर्भवती महिला दूसरी या तीसरी तिमाही में अलसी का सेवन करती है, तो समय से पहले शिशु के जन्म का खतरा बढ़ जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप कोई दवा या अन्य कोई सप्लीमेंट लेते हैं, तो अलसी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

आपतौर पर कब्ज गंभीर नहीं होता, लेकिन यह बवासीर और फेकल इंफेक्शन जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। हालांकि कुछ नुस्खे जैसे स्टूल सॉफ्टनर और जुलाब लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन अलसी के बीज कब्ज से राहत दिलाने में बेहद असरदार हैं, फिर भी यह आपके लिए सही है या नहीं, यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

 

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