काबुलः अफगानिस्तान में तालिबान को तगड़ा झटका लगा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सहित 34 प्रांतों में से 33 पर कब्जा जमा चुके तालिबान के लड़ाके अब पंजशीर घाटी की ओर बढ़ रहे हैं। इस बीच  उन्हें करारा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि पंजशीर के विद्रोहियों ने घात लगाकर हमला किया और 300 तालिबानियों को मार गिराया है।

आपको बता दें कि पंजशीर अफगानिस्तान का एक ऐसा इलाका है जहां कब्जे करने का तालिबान सपना कभी पूरा नहीं हो सका है, न 20 साल पहले और न ही अब। प्राप्त सूचना के मुताबिक पंजशीर के विद्रोहियों ने न सिर्फ 300 तालिबानियों को मारा है बल्कि कई को बंदी भी बना लिया है। बीबीसी की पत्रकार यालदा हकीम ने कुछ तालिबानियों की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा है कि तालिबान विरोधी मूवमेंट ने मुझे बताया कि ये बगलान प्रांत के अंदराब में युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए तालिबानी कैदी हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक तालिबान ने कारी फसीहुद दीन हाफिजुल्लाह के नेतृत्व में पंजशीर पर हमला करने के लिए सैकड़ों लड़ाकों को भेजे थे, लेकिन बगलान प्रांत की अंदराब घाटी में घात लगाकर बैठे पंजशीर के विद्रोहियों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में 300 तालिबानी लड़ाकों के मारे जाने की खबर है।

 

उधर, खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्लाह सालेह ने भी ट्वीट कर कहा कि अंदराब घाटी के एम्बुश जोन में फंसने और बड़ी मुश्किल से एक पीस में बाहर निकलने के एक दिन बाद तालिबान ने पंजशीर के एंट्रेंस पर फोर्स लगा दी है। हालांकि इस बीच सलांग हाइवे को विद्रोही ताकतों ने बंद कर दिया है। ये वे रास्ते हैं जिनसे उन्हें बचना चाहिए। फिर मिलते हैं।

 

तालिबान के विद्रोही फोर्स के प्रवक्ता अली मैसम नाजरी ने बताया कि राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से हजारों की संख्या में लोग पंजशीर आए हैं और यहां पर अहमद मसूद ने लगभग 9000 विद्रोही सैनिकों को इकट्ठा किया है। वहीं न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस इलाके में दर्जनों रंगरूट ट्रेनिंग एक्सरसाइज और फिटनेस प्रैक्टिस करते दिखे हैं। इन लड़ाकों के पास हम्वी जैसी गाड़ियां भी हैं।

तालिबान के विद्रोही बलों के प्रवक्ता ने कहा कि उनका समूह सरकार की एक नई प्रणाली पर जोर देना चाहता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तालिबान लंबे समय तक नहीं टिकेगा अगर वह इस रास्ते पर चलता रहा। हम अफगानिस्तान की रक्षा के लिए तैयार हैं और हम रक्तपात की चेतावनी देते हैं।

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