दिल्लीः केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एनएमपी (NMP) राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना को लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि सरकार ने अपनी संपत्तियों के नियत अवधि तक इस्तेमाल का अधिकार बेचकर और इनविट जैसे निवेश के अन्य तरीकों से अगले 4 साल में 6 लाख करोड़ रुपए यानी 81 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। इससे सरकार को अपना खजाना भरने और वित्तीय घाटे को काबू में रखने में मदद मिलेगी। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लॉन्ग टर्म में सपोर्ट भी मिलेगा।

उन्होंने बताया कि राज्यों को विनिवेश को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के साथ ही प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। पिछले वित्त वर्ष में राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए ब्याज मुक्त 12 हजार करोड़ रुपये 50 वर्ष के लिए दिये गए हैं, जिसमें से 11900 करोड़ रुपये आवंटित हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि एनएमपी के तहत रोड और रेलवे संपत्तियों, एयरपोर्ट, पावर ट्रांसमिशन लाइनें और गैस पाइपलाइनों को बेचे बिना उनमें निजी क्षेत्र का निवेश लाया जाएगा। उन्होंने इसका इसका रोडमैप जारी किया।

केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिवाइवल के लिए इंफ्रा सेक्टर अहम रोल निभाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पब्लिक प्रॉपर्टी में निजी निवेश लाने के लिए उनको मॉनेटाइज करेगी। इससे जो भी रकम आएगी उसका इस्तेमाल देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्राइवेट इनवेस्टमेंट ब्राउनफील्ड चालू एसेट में लाया जाएगा। यानी जिन एसेट का पूरा वित्तीय इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, उनको बेहतर बनाने के लिए निजी क्षेत्र को साथ लाया जाएगा। पब्लिक प्रॉपर्टी को नहीं बेचा जाएगा और उनका मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा।

सीतारमण ने कहा कि इस योजना के तहत सिर्फ केंद्र सरकार की संपत्तियों का मॉनेटाइजेशन किया जाएगा। हालांकि राज्यों को अपने एसेट मॉनेटाइज करने हेतु बढ़ावा देने के लिए केंद्र उनको इनसेंटिव देगा। उनको 50 साल का बिना ब्याज का लोन दिया जाएगा, जिसके लिए इस वित्त वर्ष के बजट में 5,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि यदि  राज्य अपनी किसी कंपनी को बेचते हैं, तो केंद्र उससे मिलने वाली रकम के बराबर वित्तीय सहायता देगा। अगर वे उसको शेयर बाजार में लिस्ट कराते हैं, तो उससे मिलने वाली रकम का आधा हिस्सा और अगर उसको मॉनेटाइज करते हैं, तो केंद्र 33 प्रतिशत  हिस्सा सहायता के तौर पर देगा।

इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि एनएमपी के तहत 20 से ज्यादा एसेट क्लास को मॉनेटाइज किया जाएगा। इसके तहत चालू वित्त वर्ष में 88,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि एनएमपी के शीर्ष तीन सेक्टर में रोड, रेलवे और पावर सेक्टर शामिल होंगे। इसका मकसद पब्लिक प्रॉपर्टी में सरकारी निवेश की पूरी कीमत वसूल करना है। उन्होंने कहा कि अगले चार साल में 15 रेलवे स्टेडियम, 25 एयरपोर्ट और मौजूदा एयरपोर्ट में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी और 160 कोयले की खानों को मॉनेटाइज किया जाएगा।

एक सवाल के जवाब में कांत ने बताया कि जिन उपक्रमों के गोदाम इतने पुराने हो गए हैं कि उनका और इस्तेमाल नहीं हो सकता, तो उनकी जगह नए और बेहतर सुविधाओं वाले गोदाम बनाने के लिए निजी क्षेत्र को आगे लाया जाएगा। उसका कहना है कि निजी क्षेत्र के निवेशक, गोदाम बनाने के बाद उनको निश्चित अवधि तक इस्तेमाल करेंगे और फिर उनको वापस सरकार को लौटा देंगे।

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