गाजियाबागः पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में इस स्थिति बेहद खराब है और यह लगातार बिगड़ती जा रही है। इस बीच अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 168 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच चुका है। इनमें 107 भारतीय हैं तथा अन्य विदेशी नागरिक है, जिनमें भारतीय मूल के अफगानी सांसद नरेंदर सिंह खालसा, अनारकली होनरयार और इनके परिवार भी शामिल हैं। आपको बता दें कि होनरयार और खालसा उन लोगों में शामिल थे जिन्हें तालिबानी विद्रोही शनिवार को काबुल एयरपोर्ट से अपने साथ ले गया थे। तालिबान ने कहा था कि ये अफगानी हैं इसलिए देश नहीं छोड़ सकते। हालांकि, बाद में इन्हें छोड़ दिया गया।

इसके अलावा काबुल से निकाले गए 87 अन्य भारतीय भी आज सुबह एयर इंडिया के विमान से दिल्ली पहुंचे थे। इनमें 2 नेपाली भी शामिल हैं। वतन वापसी की खुशी में भारतीयों ने फ्लाइट के अंदर ही भारत माता के जयकारे लगाए। ये लोग 2 विमानों से भारत पहुंचे थे। इन्हें पहले तजाकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे और कतर की राजधानी दोहा पहुंचाया गया था और वहां से कल रात भारत के लिए रवाना किया गया था।

अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के वतन वापसी की राह आसान हो गई है। भारत को  काबुल एयरपोर्ट से रोजाना दो विमानों के संचालन की अनुमति मिल चुकी है। अमेरिकी और नाटो (NATO) यानी उत्तरी अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन फोर्स ने इसकी अनुमति शनिवार को की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अब वे जल्द ही सभी भारतीयों को वापस लाएंगे। अफगानिस्तान में अभी भी 300 भारतीयों के फंसे होने की जानकारी है।

इस बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने का निर्देश दिया है। अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकियों से कहा है कि एयरपोर्ट के हालात ठीक नहीं हैं। यहां गोलियां चल रही हैं और अफरातफरी का माहौल है। अमेरिकी नागरिकों से अपील है कि वे अभी काबुल एयरपोर्ट के आसपास भी न जाएं। एयरपोर्ट के हालात सुधरने के बाद सरकार फिर से नए निर्देश जारी करेगी।

उधर, तालिबान ने कहा है कि पंजशीर में लड़ाकों का नेतृत्व कर रहा अहमद मसूद उनके साथ आने को तैयार है। आतंकवादी संगठन हक्कानी ने यह ऐलान किया है। अगर ऐसा होता है तो अफगानिस्तान में तालिबान को रोकने वाला अब कोई नहीं होगा।

अहमद मसूद के नॉर्दर्न अलायंस ने शुक्रवार को ही तालिबान लड़ाकों से 3 जिले छीनने का ऐलान किया था। इन जिलों में तालिबानी झंडा हटाकर अफगानिस्तान का राष्ट्रीय झंडा फहरा दिया गया था। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्ला मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया पर कहा है कि पुल-ए-हिसार, बानू और देह-ए-सलाह से तालिबान को खदेड़ दिया गया है। बिस्मिल्लाह मोहम्मद अशरफ गनी की सरकार में रक्षा मंत्री थे।

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