दिल्लीः अफगानिस्तान में स्थिति बेहद खराब है। तालिबान के कब्जे के बाद लोग वहां से निकलने के लिए छटपटा रहे हैं। विशेष तौर पर हिंदू और सिख सहित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए खतरा बढ़ गया है और इन लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने की मुहिम भी जारी है। इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप से पुरी ने सीएए (CAA) यानी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अफगानिस्तान के हालात का हवाला देते हुए सीएए की वकालत की है।
पुरी ने कहा है कि पड़ोसी मुल्क में जैसी स्थितियां बन गई हैं, वह दर्शाती हैं कि क्यों देश में सीएए जरूरी है। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, “हमारे अस्थिर पड़ोस में हालिया घटनाक्रम और जिस तरह से सिख और हिंदू एक मुश्किल समय से गुजर रहे हैं, यही वह कारण है कि क्यों नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करना आवश्यक था।“
आपको बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद भारत ने काबुल से भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों सहित 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाला था। इसके बाद सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी। भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों सहित करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था।
इसके अलावा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 168 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान रविवार को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच चुका है। इनमें 107 भारतीय हैं तथा अन्य विदेशी नागरिक है, जिनमें भारतीय मूल के अफगानी सांसद नरेंदर सिंह खालसा, अनारकली होनरयार और इनके परिवार भी शामिल हैं। आपको बता दें कि होनरयार और खालसा उन लोगों में शामिल थे जिन्हें तालिबानी विद्रोही शनिवार को काबुल एयरपोर्ट से अपने साथ ले गया थे। तालिबान ने कहा था कि ये अफगानी हैं इसलिए देश नहीं छोड़ सकते। हालांकि, बाद में इन्हें छोड़ दिया गया।
इसके अलावा काबुल से निकाले गए 87 अन्य भारतीय भी आज सुबह एयर इंडिया के विमान से दिल्ली पहुंचे थे। इनमें 2 नेपाली भी शामिल हैं। वतन वापसी की खुशी में भारतीयों ने फ्लाइट के अंदर ही भारत माता के जयकारे लगाए। ये लोग 2 विमानों से भारत पहुंचे थे। इन्हें पहले तजाकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे और कतर की राजधानी दोहा पहुंचाया गया था और वहां से कल रात भारत के लिए रवाना किया गया था।
सीएए क्या है?
सीएए (CAA) यानी नागरिकता संशोधन कानून दिसंबर, 2019 में संसद से पास हो चुका है, लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हुआ है। इसके तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। आपको बता दें कि पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था। अब नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है। यानी इन तीनों देशों के बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे गैर-मुस्लिम लोगों को नागरिकता मिल सकेगी। आसान शब्दों में कहे तो भारत के तीन मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है।
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