लखनऊः बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह दिल में एक ख्वाब अधूरा लेकर दुनिया को अलविदा कह गए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को लखनऊ में निधन हो गया। वह 89 साल के थे।

कल्याण सिंह लंबे वक्त से बीमार थे और लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में भर्ती थे। आपको बता दें कि 1992 के विवादित ढांचा विध्वंस कांड के समय वह यूपी के सीएम थे और उन नेताओं में से एक थे, जिन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे मुखर आवाजों में से एक माना जाता था।

राम मंदिर के निर्माण के लिए 2020 में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद कल्याण सिंह ने इसपर खुशी जाहिर की थी। उनकी इच्छा है कि वह अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम के मंदिर में दर्शन कर अपने प्राण त्यागें, लेकिन उनकी यह चाह अधूरी रह गई।

मुखर हिंदूवादी नेता कल्याण सिंह 1991 में यूपी के सीएम बने थे और 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस की घटना हुई थी। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेते हुए कल्याण सिंह ने कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश नहीं देंगे। 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद कल्याण ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।

पिछड़ी जाति से आने वाले कल्याण सिंह को यूपी के बड़े हिंदूवादी नेताओं में से एक माना जाता था।  वह अपने पूरे जीवन काल में कल्याण सिंह अयोध्या में राम मंदिर के सबसे मुखर पैरोकारों में एक रहे थे। वह पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के सबसे करीबी लोगों में से एक थे। दो बार यूपी के सीएम बनने वाले कल्याण सिंह  तमाम मंचों से ये कहते रहे कि अयोध्या में राम मंदिर के स्थान पर ही विवादित ढांचा बना था। बाद में उनके दावों पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर तो लग गई, लेकिन कल्याण सिंह भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम पूरा होने से पहले ही इस दुनिया से विदा हो गए।

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