सोमनाथ: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता, आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता है। उन्होंने यह बातें आज गुजरात के सोमनाथ में कई परिजनाओं का शुभरंपर तथा शिलान्या करने के दौरान कही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी में मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने यहां पार्वती माता मंदिर का भी शिलान्यास किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में मुझे इस पुण्य स्थान की सेवा का अवसर मिलता रहा है। आज फिर हम सब इस पवित्र तीर्थ के कायाकल्प के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज मुझे समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शन गैलरी और जीर्णोद्धार के बाद नए स्वरूप में जूना सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है। साथ ही आज पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास भी हुआ है।’’

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को याद करते हुए पीएम ने कहा कि आज मैं लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को भी प्रणाम करता हूं, जिन्होंने विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक, कितने ही मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। प्राचीनता और आधुनिकता का जो संगम उनके जीवन में था, आज देश उसे अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने आतंकवाद तथा आतंकवादी गतिविधियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक ऐसा स्थल है जिसे हजारों साल पहले हमारे ऋषियों ने ज्ञान का क्षेत्र बताया था और जो आज भी पूरे विश्व के सामने आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता, आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, “इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई, लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ।’’

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, उनमें सोमनाथ सैरगाह, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं।

सेमनाथ सैरगाहः इसे ‘प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, धरोहर संवर्धन अभियान) योजना’ के तहत 47 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से विकसित किया गया है। ‘पर्यटक सुविधा केंद्र’ के परिसर में विकसित सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र में पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित हिस्सों और पुराने सोमनाथ की नागर शैली की मंदिर वास्तुकला वाली मूर्तियों को दर्शाया जाता है।

पुराने (जूना) सोमनाथ के पुनर्निर्मित मंदिर परिसरः- इसे श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा 3.5 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पूरा किया गया है। इस मंदिर को ‘अहिल्याबाई मंदिर’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसे इंदौर की रानी अहिल्याबाई द्वारा तब बनाया गया था, जब उन्होंने पाया कि पुराना मंदिर खंडहर में तब्दील हो गया है।

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए संपूर्ण पुराने मंदिर परिसर का समग्र रूप से पुनर्विकास किया गया है। वहीं श्री पार्वती मंदिर का निर्माण 30 करोड़ रुपये की लागत से करने का प्रस्ताव है। इसमें सोमपुरा सलात शैली में मंदिर का निर्माण, गर्भ गृह और नृत्य मंडप का विकास करना शामिल होगा।

 

 

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