दिल्लीः जिस तालिबान ने पूरी दुनिया के माथे पर शिकन ला दी। वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी को अच्छे लगते हैं। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जिन तालिवानी विद्रोह से पूरी दुनिया खौफजादा है। मौलाना सज्जाद नोमानी उन्हें तालिबानी की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। तालिबानियों के कट्टरपंथी रिवाजों और मानवाधिकारों को लेकर दुनियाभर में सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अमन पसंद मुल्क भारत में ही रहने वाले नोमानी उनकी तारीफ कर रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कौन हैं ये मौलाना और तालिबानियों को लेकर इन्होंने क्या कहा है।
दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया है, जिसमें वे तालिबानियों को अफगानिस्तान में हुकूमत कायम करने की बधाई दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि गरीब और निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दी, आपकी हिम्मत को सलाम।
उन्होंने कहा, “15 अगस्त 2021 की तारीख इतिहास बन गई। अफगानिस्तान की सरजमीं पर एक निहत्थी और गरीब कौम, जिसके पास न साइंस, न टेक्नोलॉजी, न दौलत, न हथियार और न तादाद थी, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों की शिकस्त दी और काबुल के सरकारी महल में वे दाखिल हुए।“
उन्होंने कहा कि उनके दाखिले का अंदाज जो दुनिया ने देखा, उसमें गुरूर और बड़े बोल नहीं नजर आए। नजर आया तो वे नौजवान, जो काबुल की सरजमीं को चूम रहे हैं और अपने मालिक का शुक्र अदा कर रहे हैं। जिन नौजवानों ने हर मुसीबत के बावजूद एक बार फिर दुनिया को बता दिया संख्या और हथियार नहीं, कौमी इरादा और कुर्बानी सबसे ऊपर है। जो कौम मरने के लिए तैयार हो जाए, उसे दुनिया में कोई शिकस्त नहीं दे सकता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा, “तालिबान को मुबारक हो। आपका दूर बैठा हुआ ये हिंदी मुसलमान आपको सलाम करता है, आपके गर्व और आपकी हिम्मत को सलाम करता है। आपके जज्बे को सलाम करता है। ये मंजर पूरी दुनिया ने देख लिया कि जिसने आपकी बात नहीं मानी, आपने उसे भी गले लगाया, आम माफी का ऐलान कर दिया। अगर कोई अपने इलाके से जाना चाहता था तो आपने उसे जाने दिया। पूरे देश में महिलाओं से बदसलूकी का एक भी वाकया नहीं सामने आया। इस तरह के झूठे इल्जाम आप पर बहुत लगते रहे हैं। मजहबी तौर पर भी जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। अब बाजार खुल गए, बच्चियां स्कूल जाती दिखाई दे रही हैं। मैं सभी को सलाम-ए-मोहब्बत भेजता हूं।“
नोमानी कहते हैं कि आपने अफगानिस्तान का कंट्रोल हाथ में लेते ही महिलाओं की तालीम की भी शुरुआत कर दी, सरकारी दफ्तर भी खुल गए। आपको बरसों की कुर्बानियों और दुआओं के बाद एक मौका मिला है। मैं शुभकामनाएं देता हूं कि आप तरक्की करें और दुनिया को दिखा सकें कि इस्लाम इंसाफ का दीन है। आप दुनिया को ये दिखाएं कि इस्लाम पूरी इंसानियत की हर तरह से तरक्की चाहता है। अब पूरे एशिया में अमन, इंसाफ, खुशहाली और तरक्की फैलेगी।’
आपको बता दें कि नोमानी अकेले भारतीय मुसलमान नहीं है, जिसने तालिबान का समर्थ किया है। यूपी संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान की तरीफ में कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने तालिबान की तुलना स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से की है। उन्होंने कहा कि जैसे हिंदुस्तान ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही तालिबान अफगानिस्तान में अमेरिका से आजादी की लड़ाई लड़ रहा है। तालिबान ने अपने देश को आजाद कराया है। उनके इस इस बयान को लेकर खिलाफ शफीकुर्रहमान बर्क दर्ज कर लिया गया है।
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