काबुल: अफगानिस्तान में सरकार ने तालिबानी विद्रोहियों के सामने घुटने टेक दिए हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया है। अफगानिस्तान के न्यूज चैनल टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक गनी ने तालिबानी के प्रतिनिधियों के साथ हुई बातची के बाद यह कदम उठाया है। टोलो न्यूज ने ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि गनी के साथ एनएसए हमदुल्लाह मोहिब सहित कई दूसरे नेताओं ने भी देश छोड़ दिया है। इस तरह की खबरें हैं कि ये सभी नेता पड़ोसी मुल्क ताजिकिस्तान में शरण लेंगे।
इससे पहले अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह अहमदी ने आज सुबह बताया था कि राष्ट्रपति गनी ने देश के राजनीतिक नेतृत्व को मौजूदा संकट का हल निकालने के लिए अधिकृत किया है। गनि ने तालिबान के आगे घुटने टेकते हुए बातचीत के लिए विद्रोहियों को अपने आवास पर में बुलाया था।
उधर, तालिबानी विद्रोहियों ने अफगानिस्तान की सरकार के आखिरी किला भी फतह कर लिया। यानी तालिबानी विद्रोहियों ने काबुल पर भी कब्जा कर लिया। इसके साथ ही तालिबान ने 20 साल बाद काबुल में फिर से अपनी हुकूमत कायम कर ली है। आपको बता दें कि अमेरिकी हमले के कारण तालिबान को 2001 में काबुल छोड़कर भागना पड़ा था।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल आ चुका है। उधर, अफगानिस्तान की सरकार के शीर्ष अधिकारियों का भी कहना है कि सरकार शांतिपूर्ण तरीके से तालिबानी को सत्ता सौंपने के लिए तैयार है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति बन सकता है। खबरें ऐसी भी है कि अमेरिका स्थित अकादमिक एवं अफगानिस्तान के पूर्व आंतरिक मंत्री अली अहमद जिलाली अंतरिम प्रशासन का प्रमुख बन सकता है।