दिल्लीः 75वें स्वतंत्रता दिवस पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवीं बार लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन के साथ अपनी बात शुरू की। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी याद किया। साथ ही दो बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने युवाओं को रोजगार देने वाली 100 लाख करोड़ रुपए की गति शक्ति योजना और बेटियों के लिए देश के सभी सैनिक स्कूल खोलने के ऐलान किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान देश के दुश्मनों को भी कड़ा संदेश देते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक कर नए भारत ने देश के दुश्मनों को संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत बदल रहा है, भारत बदल सकता है, भारत कठिन से कठिन फैसले ले सकता है और इससे अब झिझकता नहीं है, रुकता नहीं। आइए एक नजर डालते हैं मोदी के संबोधन के प्रमुख बातों परः-
- आजादी को जन आंदोलन बनाने वाले बापू हों या सब कुछ न्योछावर करने वाले नेताजी हों, भगत सिंह, आजाद, बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां, झांसी की लक्ष्मी बाई या चित्तूर की रानी कनम्मा हों, देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू हों, सरदार पटेल हों, दिशा देने वाले अंबेडकर हों। देश हर व्यक्ति और व्यक्तित्व को याद कर रहा है। देश सभी का ऋणी है।
- मोदी ने अपने संबोधन के दौरान टोक्यो ओलिंपिक में भारत का नाम रोशन करने खिलाड़ियों के सम्मान में तालियां बजवाईं। उन्होंने कहा कि युवा एथलीट्स और हमारे खिलाड़ी मौजूद हैं। मैं देशवासियों को और हिंदुस्तान के कोने-कोने में मौजूद लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें।
- पीएम मोदी ने कहा कि देश में जिस तरह से नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, उड़ान योजना जगहों को जोड़ रही है, ये अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि गति शक्ति का नेशनल मास्टर प्लान हम आपके सामने आएंगे। सौ लाख करोड़ से भी ज्यादा की योजना लाखों नौजवानों के लिए रोजगार लाएगी। गति शक्ति देश के लिए ऐसा नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर का मास्टर प्लान होगा। इकोनॉमी को इंटीग्रेटेड पाथवे देगा। गति शक्ति सभी रोड़ों को और कठिनाइयों को हटाएगी। सामान्य आदमी के ट्रेवल टाइम में कमी होगी, मैन्युफैक्चरर्स को मदद होगी।
- उन्होंने लाल किला से नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कहा कि तिरंगे को साक्ष्य मांनते हुए मैं नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूं। अमृत काल में हमें ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का हब बनाना है। ये भारत को आत्म निर्भर बनाएगा। क्लीन एनर्जी का ये क्षेत्र, क्लीन ग्रोथ से क्लीन जॉब के अवसर हमारे युवाओं और स्टार्टअप के लिए दस्तक दे रहे हैं।’
- पीएम ने कहा कि खेल से लेकर हर जगह बेटियां कमाल कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपनी जगह लेने के लिए आतुर हैं। सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक महिलाओं में सुरक्षा, सम्मान का भाव हो, इसके लिए शासन प्रशासन, पुलिस, नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। इस संकल्प को आजादी के 75 साल का संकल्प बनाना है। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया था। अब तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।
- हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। ये पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। कल ही भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। आज लाल किले की प्राचीर से आह्वान कर रहा हूं। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- पिछले सात साल में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों के घरों तक पहुंचा है। उज्ज्वला योजना आयुष्मान भारत की ताकत देश जानता है।
- गरीब बच्चों में कुपोषण पर चिंता जताते हुए कहा कि देश के हर गरीब तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है। गरीब बच्चों में कुपोषण और पौष्टिक पदार्थों की कमी, विकास में बाधा बनती है। तय किया है कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे पोषण युक्त करेगी। राशन दुकानों, मिड डे मील, 2024 तक हर योजना के तहत मिलने वाला चावल पोषण युक्त कर दिया जाएगा।
- सरकार ने मेडिकल शिक्षा में जरूरी सुधार किए, प्रिवेंटिव हेल्थ केयर में सुधार किया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गांव-गांव तक क्वालिटी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दवा दी जा रही है। 75 हजार से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाए जा चुके हैं। अच्छे अस्पतालों और आधुनिक लैब के नेटवर्क पर काम किया जा रहा है। जल्द देश के हजारों अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे।
- 21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल समय की मांग है और जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग पीछे है, जो क्षेत्र पीछे है, उनकी हैंड होल्डिंग करनी ही होगी। मूलभूत जरूरतों की चिंता के साथ ही, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण निश्चित किया जा रहा है। मेडिकल में ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है। ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार राज्यों को दे दिया गया है।