दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों से हाल ही सम्पन्न हुए टोक्यो ओलंपिक गेम्स में देश की बेटियों की कामयाबी से सीख लेने तथा उन्हें आगे बढ़ने का मौका देने की अपील की है। राष्ट्रपति कोविंद ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं दीं। कहा कि यह दिन हम सभी के लिए बहुत हर्ष और उल्लास का दिन है। इस साल के स्वाधीनता दिवस का खास महत्व है, क्योंकि इसी साल से हम सब अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
कोविंद ने कहा कि कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आजादी का सपना साकार हुआ । उन सभी ने त्याग और बलिदान के अनूठे उदाहरण पेश किए। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को नमन करता हूं। राष्ट्रपति ने इस दौरान टोक्यो ओलिंपिक की कामयाबी, कोरोना से उपजे संकट, किसान और वैक्सीनेशन अभियान पर बात की।
उन्होंने हाल ही सम्पन्न हुए टोक्यो ओलंपिक का उल्लेख करते हुए कहा कि में भारत ने अपनी भागीदारी के 121 साल में सबसे ज्यादा मेडल जीतने का इतिहास रचा है। हमारी बेटियों ने कई रुकावटों को पार करते हुए खेल के मैदानों में विश्व स्तर की उत्कृष्टता हासिल की है। एजुकेशन से लेकर सेना, प्रयोगशालाओं से लेकर खेल के मैदानों तक हमारी बेटियां अपनी अलग पहचान बना रही हैं। बेटियों की इस कामयाबी में मुझे भविष्य के विकसित भारत की झलक दिखाई देती है। मैं हर माता-पिता से गुजारिश करता हूं कि वे ऐसी होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के मौके दें।
राष्ट्रपति वैश्विक महामारी कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी तीव्रता में कमी आई है, लेकिन इसका प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है। इस साल महामारी की दूसरी लहर के विनाशकारी प्रभाव से हम अब तक उबर नहीं पाए हैं। पिछले साल सभी लोगों की कोशिशों से हम संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने में सफल रहे थे। हम सब विश्वास से भरे थे, क्योंकि हमने इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया था। फिर भी कोरोना-वायरस के नए रूपों से हमें दूसरी लहर का भयावह प्रकोप झेलना पड़ा। यह संकट का समय था। मैं सभी पीड़ित परिवारों के दुख में बराबर का भागीदार हूं।
उन्होंने फ्रंट लाइन वर्करों का उल्लेख करते हुए कहा कि हर तरह के जोखिम उठाते हुए हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे कोरोना वॉरियर्स की कोशिशों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है। कोविड की दूसरी लहर से हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे पर बहुत दबाव पड़ा है। अब तक के अनुभव से यही सीख मिली है कि अभी हमें लगातार सावधानी बरतने की जरूरत है। हमारे देश में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को वैक्सीन लग चुकी है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें।
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