Retail Inflation
सांकेतिक तस्वीर

दिल्लीः कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर कमजोर पड़ने से पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए गुरुवार को एक साथ दो अच्छी खबर आई। पहली यह कि खुदरा महंगाई दर में कमी आई है। वहीं दूसरी औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है।

खुदरा महंगाई:  सरकार की ओर से गुरुवार को यहां जारी आंकड़ों में बताया गया कि जुलाई महीने में खुदरा महंगाई नरम पड़कर 5.59 फीसदी रही। सरकार के मुताबिक सीपीआई (CPI)  यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक  आधारित मुद्रास्फीति एक माह पहले जून 2021 में 6.26 फीसदी  थी। वहीं एक साल पहले यानी जुलाई 2020 में 6.73 फीसदी थी। एनएसओ (NSO) यानी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय  के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 फीसदी रही जो इससे पूर्व माह में 5.15 फीसदी थी।

औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी: औद्योगिक उत्पादन जून 2021 में एक साल पहले इसी महीने के मुकाबले 13.6 फीसदी बढ़ गया। आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन जून 2021 में 13 फीसदी बढ़ा। खनन उत्पादन में 23.1 फीसदी और बिजली उत्पादन में 8.3 फीसदी की वृद्धि हुई। पिछले साल जून में आईआईपी में 16.6 फीसदी की गिरावट आयी थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आईआईपी मे 45 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल इसी तिमाही में इसमें 35.6 फीसदी की गिरावट आयी थी।

आरबीआई का अनुमान: आरबीआई (RBI) यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रक नीति समीक्षा में 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई दर के 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। आरबीआई के मुताबिक  मुदास्फीति में घट-बढ़ की जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने की संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1 फीसदी रहने की संभावना है।

 

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