दिल्लीः राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू संसद के मानसून सत्र के दौरान सांसदों के आचरण से दुखी हैं।  वह राज्यसभा में मंगलवार को  हुए हंगामे पर बोलते हुए बुधवार को नायडू भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की बेअदबी होने से रातभर सो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सदन में जो कुछ हुआ, वह लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार को मजबूर नहीं कर सकता है।

आपको बता दें कि राज्यसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को वेल में पहुंचे और डेस्क पर चढ़कर आसन की तरफ रूल बुल भी फेंक दी। हालांकि यह घटना सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद घटित हुई थी।

वहीं संसद के मानसून सत्र के लिए निर्धारित तिथि से दो दिन पहले बुधवार को लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। बताया जा रहा है कि सदन में लगातार हो रहे हंगामे के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।

उम्मीद की जा रही है कि राज्यसभा में आज राज्यों को OBC की लिस्टिंग करने का अधिकार देने वाला बिल आज राज्यसभा में पेश हो सकता है। यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया। इसके पक्ष में 385 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में एक भी नहीं।

आपको बता दें कि बिल के दोनों सदनों से मंजूर होने के बाद राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें सामाजिक, शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की लिस्टिंग कर सकेंगी। राज्यों की ये शक्ति सुप्रीम कोर्ट के मराठा आरक्षण मामले में दिए गए फैसले के बाद खत्म हो गई थी।

 

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