दिल्लीः राज्यों को अपनी मर्जी के ओबीसी (OBC) की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला विधेयक को राज्यसभा ने भी मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यसभा में बुधवार को यह विधेयक सर्वसम्मित से पारित हो गया। आपको बता दें कि इससे पहले लोकसभा ने मंगलवार को इसे बिना किसी विरोध के इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। अब मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा तथा राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह यह कानून बन जाएगा।
इस कानून के तहत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्तर पर ओबीसी आरक्षण के लिए जातियों की सूची तैयार करने और उन्हें आरक्षण देने का अधिकार होगा।
इस विधेयक को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने पेश किया था। राज्यसभा में बुधवार को इस बिल के पक्ष में 187 वोट पड़े, जबकि विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। वहीं लोकसभा में मंगलवार को इसके पक्ष में 385 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। बिल का नाम संविधान (127वां संशोधन) विधेयक-2021 है।
संसद में 127वां संशोधन संविधान के अनुच्छेद 342A(3) में बदलाव के लिए लाया गया था इसके बाद राज्य OBC की लिस्ट अपने हिसाब से तैयार कर सकते हैं। खास बात यह है कि सदन में पेगासस, किसानों जैसे मुद्दों पर हंगामा कर रहे विपक्ष ने भी इस बिल को बगैर किसी शोरशराबे के पास होने दिया।
मानसून सेशन में हंगामे और विरोध के बीच, इस बिल पर पहली बार केंद्र सरकार को विपक्ष का सपोर्ट मिला। लोकसभा में संविधान का 127वां संशोधन बिल पेश होने से पहले विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि वे इस बिल को लेकर सरकार के साथ हैं। दरअसल, इस संशोधन के लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद राज्यों को ये अधिकार मिल जाएगा कि वे ओबीसी की सूची अपनी मर्जी से जातियों को शामिल कर सकें।