टोक्योः टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए शनिवारका दिन शानदार रहा है। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने आज भारत को इस स्पोर्ट्स में गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके साथ ही एथलेटिक्स में मेडल जीतने का भारत का 121 साल का इंतजार खत्म हो गया।

नीरज चोपड़ा ने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे अटैम्प्ट में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका था। तीसरे अटैम्प्ट में उन्होंने 76.79 मीटर, चौथे और 5वें में फाउल और छठे अटैम्प्ट में 80 मीटर से ज्यादा थ्रो किया।

वहीं चेक के जाकुब वेदलेच  86.67 मीटर थ्रो के साथ दूसरे नंबर पर रहे, जबकि 85.44 मीटर के थ्रो के साथ चेक के वितेस्लाव वेसेली तीसरे नंबर पर रहे। आपको बता दें कि नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो किया था और अपने ग्रुप में पहले नंबर पर रहे थे। भारत का यह अब तक का सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है। भारत ने इसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज समेत कुल 7 मेडल जीते। इससे पहले 2012 लंदन ओलिंपिक में भारत को 6 पदक मिले थे।

आपको बता दें भारत को ओलिंपिक गेम्स के किसी भी इवेंट में 13 साल बाद  गोल्ड मेडल मिला है। इससे पहले 2008 में बीजिंग ओलिंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जीता था। बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया था।

बात ओलिंपिक गेम्स में भारत को मिले कुल गोल्ड मेडलों की करें, तो भारत ने अब तक 10 स्वर्ण पदक जीते हैं। इनमें हॉकी में 8 और शूटिंग में 1 गोल्ड मेडल शामिल है। अब बात निजी स्वर्ण पदक की करें, तो भारत को अब तक सिर्फ दो इंडिविजुअल गोल्ड मेडल मिले हैं।

किसी भी ओलिंपिक गेम्स ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स यानी एथलेटिक्स का सबसे मुख्य आकर्षण होते हैं, लेकिन नीरज से पहले कोई भारतीय इन इवेंट्स में मेडल नहीं जीत पाया था। ब्रिटिश इंडिया की ओर से खेलते हुए नॉर्मन प्रिटचार्ड ने साल 1900 में हुए ओलिंपिक में एथलेटिक्स में दो मेडल जीते थे, लेकिन वे भारतीय नहीं अंग्रेज थे।

आपको बता दें कि इंडियन आर्मी में काम करने वाले नीरज अपने करियर में टोक्यो ओलिंपिक से पहले 5 मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है।

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