मुंबईः आरबीआई (RBI) यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। यानी आरबीआई ने रेपो रेट को चार प्रतिशत पर ही बरकरार रखने का फैसला किया है। आपूर्ति पक्ष की बाधाओं, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और कच्चा माल महंगा होने के चलते आरबीआई ने शुक्रवार को शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया। आपको बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने जून में हुई अपनी पिछली बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
आरबीआई ने कहा कि अर्थव्यवस्था अभी कोविड की दूसरी लहर से उबर नहीं सकी है और ऐसे में उदार रुख बनाए रखने का फैसला किया गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि इस स्तर पर एक सख्त मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था में शुरू हुए पुनरुद्धार को नुकसान पहुंचा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति 2020-21 की दूसरी तिमाही में ऊपरी दायरे के करीब रह सकती है, लेकिन खरीफ फसल की आवक और आपूर्ति पक्ष के उपायों के कारण यह दबाव 2021-22 की तीसरी तिमाही में कम होना चाहिए।’’
दास ने कहा, ‘‘इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) पर आधारित मुद्रास्फीति के 2021-22 के दौरान 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’
आइए एक नजर डालते हैं आरबीआई के बड़े फैसलों परः-
दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…
दिल्ली: रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच 03 नॉर्डिक देशों नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्कने युद्ध अलर्ट जारी किया…
मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…
दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…
इम्फालः मणिपुर में 03 महिलाओं और 03 बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच सरकार…