दिल्लीः केंद्र सरकार ने केजरीवाल सरकार के मंसूबों पर एक बार फिर पानी फेर दिया है। केजरीवाल सरकार ने विधायकों के वेतन में भारी भरकम बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने नामंजूर करते हुए मामूली बढ़ोतरी की इजाजत की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने कैंची चलाई है और मामूली बढ़ोतरी की ही इजाजत है।
आपको बता दें आज केजरीवाल सरकार के कैबिनेट की बैठक होने वाली है, जिसमें केंद्र से मंजूर वेतन बढ़ोतरी के फॉर्म्युले पर चर्चा होगी। आपको बता दें इससे पहले दिल्ली के विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी 10 साल पहले हुई थी। दिल्ली में नवंबर 2011 में विधायकों सैलरी बढ़ाकर 54,000 रुपये की गई थी। वहीं दिल्ली विधानसभा ने 2015 में विधायकों की सैलरी में संशोधन संबंधी यह बिल पास किया था। इस बिल के आधार पर केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार को विधायकों की वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसके बाद से लगातार यह मामला लटकता आ रहा है। अब बताया जा रहा है कि केंद्र की ओर से वेतन में मामूली बढ़ोतरी की ही इजाजत दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने अन्य राज्यों के मुकाबले वेतन करने का प्रस्ताव किया था, जिसे केंद्र सरकार ने नामंजूर कर दिया है। केंद्र की ओर से जो मंजूरी मिली है, उसके बाद अब दिल्ली के विधायकों को अब भी सबसे कम वेतन 30 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगा और इसमें 60 हजार रुपये के भत्तों को जोड़ दें तो यह 90 हजार रुपये महीना होगा। यहां पर मौजूदा समय में विधायकों को सेलरी के तौर पर 12 हजार रुपये जबकि 42,000 रुपये भत्तों के रूप में मिलते हैं।
अब विधायकों को मिल सकती है इतनी सैलरी
वेतन | ₹30,000 |
चुनाव क्षेत्र भत्ता | ₹25,000 |
सचिवालयी भत्ता | ₹15,000 |
टेलिफोन भत्ता | ₹10,000 |
वाहन भत्ता | ₹10,000 |
कुल | ₹90,000 |
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश के सभी राज्यों में सबसे कम वेतन पाने वालों में अब भी दिल्ली के विधायक शामिल रहेंगे। अन्य कई राज्यों में विधायकों को दिल्ली के विधायकों की तुलना में डेढ़ से ढाई गुना वेतन और भत्ते मिलते हैं। उत्तराखंड में जहां 2.04 लाख रुपये मिलते हैं, तो वहीं हिमाचल प्रदेश में 1.90 लाख रुपये, हरियाणा में 1.55 लाख रुपये तथा बिहार में 1.35 लाख रुपये में हर महीने वेतन और भत्ते विधायकों को दिए जाते हैं। राजस्थान में 1.42 लाख रुपये और तेलंगाना में विधायकों को सबसे अधिक 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान होता है।
देश के किस राज्य में विधायकों को मिलती है कितनी सैलरीः-
केरल | ₹70, 000 | |
गुजरात | ₹1,50,000 | |
बिहार | ₹1,35,000 | |
पंजाब | ₹84,000 | |
ओडिशा | ₹1,00,000 | |
तेलंगाना | ₹2,50,000 | |
आंध्र प्रदेश | ₹1,75,000 | |
तमिलनाडु | ₹1,05,0000 | |
गोवा | ₹1,99,000 | |
मध्य प्रदेश | ₹1,10,0000 | |
छत्तीसगढ़ | ₹80,000 | |
कर्नाटक | ₹1,65,000 | |
पश्चिम बंगाल | ₹81,800 | |
हिमाचल प्रदेश | ₹1,90,000 | |
उत्तराखंड | ₹2,04,00 | |
हरियाणा | ₹1,55,000 |
सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार ने विधायकों की सैलरी बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा था। आपको बता दें इससे पहले केंद्र सरकार ने 2017 में दिल्ली सरकार के विधायकों की सैलरी में इजाफा करने से संबंधित विधेयक को वापस भेज दिया था। केंद्र ने कहा था कि दिल्ली सरकार ‘वैधानिक प्रक्रिया’ के तहत इस बिल को दोबारा सही फॉर्मेट में भेजे। उसके बाद फिर से यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया और अप्रैल 2020 में केंद्र ने इसे फिर सरकार के पास भेज दिया था। दिल्ली सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था। गृह मंत्रालय ने वेतन में भारी कटौती कर मामूली बढ़ोतरी की इजाजत दी है।
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