दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश की अर्थव्यवस्था धीरे धीरे के फिर से पटरी पर लौटने लगी है। इसी का नतीजा है कि जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी आने लगी है। जुलाई में जीएसटी संग्रह फिर से एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार करते हुये 116393 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आपको बता दें कि आठ महीने तक लगातार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी राजस्व संग्रह रहने के बाद जून में यह एक लाख के स्तर से नीचे आ गया था। जून महीने के लिए 92,849 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ था।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रविवार को जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी कए। जुलाई में GST का ग्रॉस कलेक्शन का डेटा साल भर पहले से 33 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों में ढील से जुलाई में GST कलेक्शन का आंकड़ा एक बार फिर 1 लाख करोड़ रुपए के पार निकला है। इससे इकोनॉमी में तेजी से रिकवरी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
“With the easing out of COVID restrictions, GST collection for July2021 has again crossed₹1 lakh crore, which clearly indicates that the economy is recovering at a fastpace.
The robust GST revenues are likely to continue in the coming months too.”— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) August 1, 2021
वित्त मंत्रालय के मुताबिक कुल जीएसटी संग्रह में केंद्र सरकार का हिस्सा यानी CGST का हिस्सा 22,197 करोड़ रुपए, राज्यों का हिस्सा यानी SGST 28,541 करोड़ रुपए, इंटीग्रेटेड यानी IGST का 57,864 करोड़ रुपए और सेस का 7,790 करोड़ रुपए शामिल है।
आपको बता दें कि GST कलेक्शन का यह आंकड़ा 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच का है। इस दौरान टैक्स से जुड़ी कई रियायतें दी गई हैं। इसमें ITR फाइलिंग की डेडलाइन को 15 दिनों तक बढ़ाया जाना भी शामिल है। इसके अलावा ब्याज दरों में कटौती भी की गई है।
केंद्र सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। अब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस करने वाले GST टैक्सपेयर्स अपने सालाना रिटर्न को खुद ही सर्टिफाइड कर सकेंगे। इसके लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से अनिवार्य ऑडिट सर्टिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। इस पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने निर्देश जारी कर दिया है।