दिल्लीः केंद्र सरकार ने बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की की राशि को सुरक्षित रखने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को डीआईसीजीसी (DICGC) यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट संशोधन बिल को मंजूरी प्रदान कर दी। इस विधेयक में बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की पांच लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रखने का प्रावधान है। जमाकर्ता को 90 दिन के भीतर यह रकम मिल जाएगी। अभी यह सीमा  एक लाख रुपए तक थी।

आपको बता दें कि सरकार ने 2020 में ही डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट पांच गुना बढ़ाने का ऐलान किया था, लेकिन अब इसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। हालांकि अभी इसे संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिल को संसद के मानसून सत्र में ही पेश किया जाएगा।

सरकार ने यह फैसला 2020 में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक  डूबने के बाद लिया था। केंद्रीय बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डीआईसीजीसी एक्ट, 1961 में संशोधन का ऐलान किया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते बजट सत्र को स्थगित कर दिया गया था।

आपको बता दें कि 1993 के बाद यानी 27 साल बाद पहली बार केंद्र सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस में बदलाव किया है। यह फैसला 4 फरवरी 2020 से लागू होगा। यानी PMC, लक्ष्मी विलास बैंक और यस बैंक के ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा। डीआईसीजीसी  एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के मुताबिक अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो डीआईसीजीसी प्रत्येक जमाकर्ता को पेमेंट करने के लिए जिम्मेदार होता है, क्योंकि जमाकर्ताओं द्वारा जमा की गई रकम पर एक लाख रुपए तक का बीमा होता है। इसी लिमिट को सरकार ने बढ़ाकर पांच लाख कर दिया है।

आपको बता दें कि बैंक के सभी डिपॉजिट डीआईसीजीसी के दायरे में आते हैं, जिसमें सेविंग्स, फिक्स्ड डिपॉजिट समेत करेंट अकाउंट शामिल हैं। किसी भी बैंक को रजिस्टर करते समय डीआईसीजीसी उन्हें प्रिंट हुआ पर्चा देता है। पर्चे में जमाकर्ताओं को मिलने वाले इंश्योरेंस की डीटेल होती है। इस डीटेल के बारे में जानने के लिए जमाकर्ता बैंक के ब्रांच अधिकारी से पूछताछ कर सकता है।

सरकार के इस फैसले से  बैंक ग्राहकों को तो फायदा हुआ है, लेकिन दूसरी तरफ प्रति 100 रुपए पर लगने वाला प्रीमियम भी 10 पैसे से बढ़कर 12 पैसे हो गया है। आपको बता दें कि डीआईसीजीसी रिजर्व बैंक की स्वामित्व वाली एक संस्था है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर मुहैया कराती है।

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