बेंगलुरुः कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के शिष्य एवं राज्य राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई सूबे के नए सीएम होंगे। आज शाम 7 बजे यहां हुई पार्टी के विधायक दल की बैठक में बोम्मई नेता चुन लिया गया। बोम्मई के नाम का प्रस्ताव येदियुरप्पा ने प्रस्ताव रखा, जिसे विधायकों ने सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया। बताया जा रहा है कि बोम्मई 28 जुलाई यानी बुधवार दोपहर को तीन बजकर 20 मिनट पर पद की शपथ लेंगे।
पार्टी विधायक दल की बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक के पार्टी प्रभारी अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कतिल, पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा सहित तमाम बड़े नेता मौजूद थे।
28 जनवरी 1960 को जन्मे बसवराज सोमप्पा बोम्मई मौजूदा समय में कर्नाटक के गृह, कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत बसवराज ने जनता दल के साथ की थी। वह 1998 और 2004 में दोबार कर्नाटक विधान परिषद के लिए चुने गए थे। 2008 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट जनता दल छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। मौजूदा समय में बोम्मई हावेरी जिले के शिगगांव से विधायक चुने गए।
बोम्मई येदियुरप्पा के चहेते एवं शिष्य हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक येदियुरप्पा ने इस्तीफा देने से पहले ही बोम्मई का नाम पार्टी आलाकमान को सुझा दिया था। लिंगायत समुदाय के मठाधीशों के साथ हुई बैठक में येदियुरप्पा ने अपनी तरफ से इस नाम को उन सबके बीच रखा था।
कर्नाटक के प्रसिद्ध लिंगेश्वर मंदिर के मठाधीश शरन बसवलिंग ने बताया कि यदि येदियुरप्पा इशारा करते, तो पूरा समुदाय उनके लिए बीजेपी के विरोध में उतर आता और चुनाव में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ती, लेकिन खुद येदियुरप्पा ने बोम्मई की हिमायत की। इसलिए सभी मठाधीश भी जल्दी ही उनके नाम राजी हो गए।
कर्नाटक के सीएम के लिए बोम्मई के अलावा मुरुगेश निरानी और अरविंद बल्लाड के नाम भी चर्चा में रहे। तीनों ही लिंगायत समुदाय से आते हैं, लेकिन बोम्मई येदियुरप्पा के शिष्य होने के साथ ही आरएसएस (RSS) यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी काफी लोकप्रिय हैं।