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कर रहे हैं आईटीआर फाइल, तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो झेलनी पड़ सकती है मुसीबतें

दिल्लीः आईटीआर (ITR) यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक आती जा रही है। ऐसे में बहुत सारे लोगों ने आईटीआर फाइल करना शुरू कर दिया है। यदि आप भी आईटीआर फाइल करने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहत खास है, क्योंकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं, उन बुनियादी बातों को जिस आईटीआर फाइल करते समय ध्यान में रखना चाहिए।

आईटीडी (ITD) यानी आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए भरने की अंतिम डेट को तीन सितंबर तक बढ़ा दिया है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक आईटीआर फाइल करने वाले लोगों को अंतिम तिथि का इंतजार  इंतजार नहीं करना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके आपको रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। अब हम आपको बताने जा रहे हैं, वे बुनियादी बातें, जिन्हें ITR भरते समय आपको ध्यान में रखनी चाहिए, क्योंकि गलती होने पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैः-

सही ITR फॉर्म का चयन करेंः-

इनकम टैक्स विभाग ने कई ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं और इनमें से आपको अपनी आय के साधन के आधार पर सावधानी से ITR फॉर्म का चयन करना हो, नहीं तो आयकर विभाग आपके फॉर्म को रिजेक्ट कर देगा और आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत संशोधित विवरणी (रिवाइज्ड रिटर्न) दाखिल करने के लिए कहेगा। अब हम आपको उदाहरण के साथ के साथ बताने जा रहे हैं कि सही फॉर्म का चयन कैसे करें। जिनकी वेतन, प्रॉपर्टी के किराए और अन्य सोर्स से आय 50 लाख तक सालाना आय है वह ITR-1 सहज फॉर्म भर सकते हैं। वहीं इससे अधिक आय वाले को ITR-2 फॉर्म भरना है।

सही दें आय की जानकारीः-
इस बात बेहद ध्यान रखें कि आपको अपनी आय की सही जानकारी देनी है। अगर आप जानबूझकर या गलती से भी अपनी आय के सभी स्रोत नहीं बताते हैं तो आपको आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है। बचत खाते के ब्याज और घर के रेंट से होने वाली आय जैसी जानकारियां भी देनी होती हैं, क्योंकि ये आय भी टैक्स के दायरे में आती हैं।

सही ऑप्शन का करें चयनः-
इनकम टैक्स दाताओं को आईटीआर फाइल करने के दो ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल, 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।

बैंक खातों की जानकारी देंः-

आईटीआर रिटर्न करते समय बहुत सारे लोग अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं देते, जिनसे उन्होंने उस वित्तीय वर्ष में लेन देन किया है। ऐसा करना गलत है, क्योंकि आयकर विभाग ने अपने अधिनियम में साफ तौर पर कहा है कि टैक्सपेयर्स को अपने नाम पर पंजीकृत सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी है।

फॉर्म 26AS डाउनलोड कर अपनी आय का मिलान करेंः-
आपको बता दें कि फॉर्म 26AS या टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट आपकी आय पर काटे गए TDS के भुगतान की सभी जानकारी दे देता है। अपना टैक्स रिफंड क्लेम करने से पहले इसे जरूर जांच लें। टैक्सपेयर को आईटीआर भरने से पहले Form 26AS और Form 16/16A से इनकम मिलाने के लिए कहा जाता है। यह टैक्स कैलकुलेशन में किसी भी तरह की गलती से आपको बचाएगा और आप एक सही टैक्स रिटर्न फाइल कर पाएंगे।

आईटीआर को वेरिफाई करेंः-
आईटीआर फाइल करने के बाद कई लोगों को लगता है किउनका काम खत्म हो गया है, लेकिन यह सही नहीं है। आपको आपको आईटीआर फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई भी करना होता है। आप अपने इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से अपने टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं या सीपीसी-बेंगलुरू भेज कर भी उसे वेरिफाई करा सकते हैं।

व्यक्तिगत जानकारी सही देंः
आप यह स्पष्ट तौर पर जान लें कि ITR फॉर्म में अपनी सभी जानकारियों को सही-सही भरनी है। ध्यान रहे कि आपके नाम की स्पेलिंग, पूरा पता, ईमेल, कॉन्टैक्ट नंबर जैसी जानकारी आपके पैन, ITR और आधार में एक जैसी हो। वहीं मोबाइल नंबर डालें जिस पर SMS आ सके। गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड मिलने में मुश्किल होगी।

मिले गिफ्ट की जानकारीः-
कई लोगों को त्योहारों के मौके पर या अन्य मौके पर कई तरह के गिरफ्ट मिलते हैं, लेकिन वे आईटीआर करते समय इसकी जानकारी नहीं देते हैं, जो गलत है। अगर आपको भी त्योहार या अन्य किसी मौके पर गिफ्ट मिलते हैं तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है, वरना आपको इनकम टैक्‍स विभाग से नोटिस मिल सकता है। इनकम टैक्‍स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्‍स देना होगा। ऐसे में आपको इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्‍यान रखना होगा।

विदेश में बैंक अकाउंट, तो इसकी जानकारी देंः-
यदि आपका किसी दूसरे देश में बैंक अकाउंट है तो इसकी जानकारी भी आपको आईटीआर फाइल करते समय देनी होती है। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, भारत के सभी टैक्स पेयर्स को बैंक खातों सहित सभी विदेशी संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत करना होगा। यदि आप भारत के निवासी हैं और ITR 1 का उपयोग करने के योग्य हैं, तो आपको विदेश में कोई निवेश करने की स्थिति में ITR 1 का उपयोग नहीं करना चाहिए। यदि आपके पास विदेशों में शेयरों में या म्यूचुअल फंड में निवेश है तो इसका विवरण भरने के दौरान सावधान रहें।

General Desk

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