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मोदी वोकल फॉर लोकल पर दिया जोर, बोले रोजमर्रा के कामकाज को करते हुए भी कर सकते हैं राष्ट्र निर्माण

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर वोकल फॉर लोकल का नारा बुलंद किया। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा कि रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे वोकल फॉर लोकल। हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सात अगस्त को आने वाला नेशनल हैंडलूम डे, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं । इस दिन के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी।

पीएम ने बताया कि हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है । ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी जुड़े हुए हैं। आप स्वयं कुछ-न-कुछ खरीदें, और अपनी बात दूसरों को भी बताएं। मोदी ने कहा कि हम साल 2014 के बाद से ही ‘मन की बात’ में अक्सर खादी की बात करते हैं। ये आपका ही प्रयास है कि आज देश में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। क्या कोई सोच सकता था कि खादी के किसी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हो सकती है, लेकिन आपने ये भी कर दिखाया है। मेरा आपसे आग्रह है कि ग्रामीण इलाकों में बन रहे हैंडलूम प्रोडक्ट जरूर खरीदें और उसे #MyHandloomMyPride के साथ शेयर करें।

मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही MyGov की ओर से मन की बात के श्रोताओं को लेकर एक स्टडी की गई। इस स्टडी में ये देखा गया कि मन की बात के लिए सन्देश और सुझाव भेजने वालों में प्रमुख रूप से कौन लोग हैं। स्टडी के बाद ये जानकारी सामने आई कि संदेश और सुझाव भेजने वालों में से करीब-करीब 75 प्रतिशत लोग, 35 वर्ष की आयु से कम के होते हैं यानी भारत की युवा शक्ति के सुझाव मन की बात को दिशा दे रहे हैं।

पीएम ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान बताया कि केंद्रीय सूचना एवं  प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 19 जुलाई को राज्यसभा में बताया था कि प्रसार भारती ने अब तक अपने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन नेटवर्क और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मन की बात प्रोग्राम के 78 एपिसोड प्रसारित किए हैं। बार्क (BARC) यानी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल  के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 से 2020 के दौरान रेडियो प्रोग्राम के दर्शकों की कुल संख्या लगभग 6 करोड़ से 14.35 करोड़ तक होने का अनुमान है।

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