जम्मू- सीबीआई (CBI) शनिवार को अवैध तरीके से हथियारों के लाइसेंस जारी करने के संबंध में 40 ठिकानों पर छापा मारा। ये छापेमारी जम्मू-कश्मीर तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने जिन जगहों पर आज छापेमारी की, उनमें जम्मू-कश्मीर के जनजातीय मामलों के सचिव तथा मिशन यूथ एवं कौशल विकास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी का श्रीनगर के तुलसी बाग में स्थित सरकारी आवास भी शामिल है।
सीबीआई ने 2018 में इस मामले की जांच का जिम्मा संभाला था और मार्च 2020 में आईएएस अधिकारी राजीव रंजन तथा इतरित हुसैन रफीकी को गिरफ्तार किया था। ये दोनों कुपवाड़ा के जिलाधिकारी रह चुके हैं। पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार 2012 और 2016 के बीच जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने पैसा लेकर फर्जी और अवैध तरीके से काफी संख्या में हथियारों के लाइसेंस जारी किए थे।”
आपको बता दें कि राजस्थान पुलिस ने 2017-18 में बंदूक लाइसेंस रैकेट का खुलासा किया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से हजारों लाइसेंस जारी किए गए है। पुलिस ने यह भी पाया था कि लाइसेंस प्राप्त करने वाले कई लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड हैं
जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध और केंद्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर सीबीआई ने इस मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है। इस सिलसिले में पुलिस थाना सतर्कता संगठन कश्मीर (वीओके) ने 17 मई, 2018 में पहली प्राथमिकी संख्या 18 और दूसरी प्राथमिकी संख्या 11 दर्ज की थी। ये दोनों प्राथमिकियां वर्ष 2012 से 2016 की अवधि के दौरान तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में भारी मात्रा में शस्त्र लाइसेंस जारी करने को लेकर दर्ज की गयी थीं। आरोप है कि 2.78 लाख से अधिक गैर-हकदार लोगों को हथियार लाइसेंस जारी किए गए थे। सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर के 22 जिलों से इससे संबंधित दस्तावेज भी एकत्र किए। ।
डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी श्रीनगर के डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट के कमिश्नर भी रह चुके हैं। इसके अलावा अवा कठुआ, राजौरी, उधमपुर और रियासी जिले के डिप्टी कमिश्नकर भी रह चुके हैं। आरोप है कि इन सभी पदों पर रहते हुए चौधरी ने हजारों गन लाइसेंस दूसरे राज्यों के लोगों को फर्जी नाम से जारी कर दिए।
सीबीआई ने श्रीनगर के अलावा अनंतनाग, बारामुला, जम्मू, उधमपुर, राजौरी और दिल्ली में भी आज छापेमारी की। इस दौरान कई सीनियर अधिकारियों के पुराने और वर्तमान घरों की तलाशी भी ली गई। साथ ही 20 गन हाउस में भी छापा मारा गया है।
आपको बता दें कि सीबीआई ने इस सिलसिले में 2020 में दो IAS अधिकारियों राजीव रंजन और इतरात हुसैन रफीकी को गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर कुपवाड़ा जिले में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए कई फर्जी गन लाइसेंस जारी करने का आरोप है। इससे पहले CBI ने दिसंबर 2019 में श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा की एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा और पुलवामा के जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों के घर की भी तलाशी ली गई थी। कश्मीर के कई अधिकारियों पर लंबे समय से गन लाइसेंस जारी करने के बदले रिश्वत लेने के आरोप लगते रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने केस CBI के हवाले कर दिया था। साथ ही 12 जुलाई, 2018 को जनवरी 2017 और फरवरी 2018 के बीच जारी व्यक्तिगत बंदूकों के लाइसेंसों को रद्द कर दिया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर गन लाइसेंस जारी करने के मामले में देश में टॉप पर है। यहां 2018 से 2020 तक सबसे ज्यादा हथियार लाइसेंस जारी किए गए। वहीं इन दो सालों में देशभर में 22,805 लाइसेंस जारी किए, इनमें से 18,000 अकेल जम्मू-कश्मीर में जारी हुए। यानी देश के 81 प्रतिशत लाइसेंस यहां बांटे गए।
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