दिल्लीः करीब डेढ़ साल बाद भी लोगों को वैश्विक महामारी से निजात नहीं मिल पाया है। दुनियाभर में इस जानलेवा विषाणु के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में विश्व के ज्यादातर देश अपने यहां युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन करने में जुटे हैं। मौजूदा समय में 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा रही हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा अब बच्चों पर मंडरा रहा है, लेकिन इस मामले में एक अच्छी खबर आई है। यूरोपीय यूनियन की टॉप मेडिकल बॉडी ने मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को  12-17 की उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है।  इससे पहले ईएमए (EMA) यानी यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी  ने मई में फाइजर को इस एज ग्रुप के लिए मंजूरी दे चुकी है।

ईएमए के मुताबिक 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए स्पाइकवैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों की तरह ही किया जाएगा। यानी वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे। इनके बीच चार सप्ताह  हफ्ते का ही अंतर रखा जाएगा।

ईएमए ने बताया है कि स्पाइकवैक्स का परीक्षण 12 से 17 साल के 3,732 बच्चों पर  किया गया था। इसके रिजल्ट सकारात्मक मिले। इस दौरान पाया गया कि सभी के शरीर में अच्छी मात्रा में एंटीबॉडी बनीं। जितनी एंटीबॉडी 12 से 17 साल  के बच्चों में बनी, उतनी ही एंटीबॉडी 18 से 25 साल के लोगों में भी देखी गई थीं।

उधर, फाइजर ने 12 साल के कम उम्र के बच्चों पर भी अपनी वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। पहले चरण की स्टडी में कम संख्या में छोटे बच्चों को वैक्सीन की अलग-अलग डोज दी जाएंगी। इसके लिए फाइजर ने दुनिया के चार देशों में 4,500 से अधिक बच्चों को चुना है।

आपको बता दें कि ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका ने इसी साल मई में  6 से 17 साल तक के बच्चों पर स्टडी शुरू की थी। वहीं, जॉनसन एंड जॉनसन  ने भी स्टडी शुरू कर दी है। उधर, चीन की सिनोवैक ने अपनी वैक्सीन को तीन साल तक के बच्चों पर भी असरदार बताया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here