दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन को राज्यसभा मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने आज सदन कार्यवाही शुरु होने और आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद सेन के निलम्बित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभापति एम वेंकैया नायडू ने स्वीकार कर लिया। हालांकि इसके बाद भी सेन सदन में अपनी सीट पर बैठे रहे। सेन के निलम्बन का कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।

आपको बता दें कि सेन ने गुरुवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से दस्तावेज लेकर फाड़ दिए थे। वैष्णव ने आज इस घटना पर कहा कि तृणमूल का बंगाल में हिंसा का कल्चर है और यही कल्चर वह सदन में लाने की कोशिश कर रही है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव गुरुवार को सदन में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे। इसी दौरान शांतनु ने उनके हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में उछाल दिए थे।
इस दौरान राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी विपक्षी सदस्यों के पास पहुंचे थे और आश्वासन दिया था कि मंत्री अपना बयान देने के बाद उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन विपक्षी सदस्यों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।

वहीं, सेन ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में उन्हें अपशब्द कहे और वे मारपीट करने वाले थे, लेकिन सहयोगियों ने उनको बचा लिया।

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