टोक्योः टोक्यो ओलंपिक गेम्स का आगाज हो गया। कोविड-19 कारण एक साल की देरी से हो रहे खेलों के इस महाकुंभ की ओपनिंग सेरेमनी शुक्रवार शाम शुरू हुई। इस बार ओलंपिक गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी कई मानयों में अलग रही। आम तौर पर ओपनिंग सेरेमनी और सभी देशों के खिलाड़ियों के मार्च पास्ट ओलिंपिक गेम्स के मुख्य आकर्षण में से एक होते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। कोरोना वायरस के कारण इस बार महज 1000 खिलाड़ी और अधिकारी ही इस कार्यक्रम में मौजूद हैं।
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में करीब 350 करोड़ से ज्यादा लोगों टीवी, स्मार्टफोन, लैपटॉप जैसे डिवाइसों पर ओपनिंग सेरेमनी का प्रसारण देखा।
टोक्यो ओलिंपिक सेरेमनी की शुरुआत बिल्कुल अलग रही। लगभग खाली स्टेडियम में सबसे पहले कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
This is not the first time we've seen 'Imagine' featured at an #OpeningCeremony of an Olympic Games.
Take a trip down memory lane… 🕊️#StrongerTogether #Tokyo2020 pic.twitter.com/MjNKYLG6UM
— Olympics (@Olympics) July 23, 2021
टोक्यो ओलिंपिक में 124 भारतीय एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इसमें से 69 पुरुष और 55 महिला एथलीट और बाकी स्टाफ मेंबर्स हैं। भारतीय एथलीट इस बार 85 मेडल के लिए दावेदारी पेश करेंगे। भारत ने ओपनिंग सेरेमनी के लिए पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और छह बार की बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियन एमसी मेरीकॉम को ध्वजवाहक बनाया है।
आपको बता दें कि ओलंपिक में खिलाड़ियों का मार्च पास्ट 1896 में पहले समर ओलिंपिक गेम्स के आयोजक ग्रीस के दल के साथ शुरू हुआ था। इस ओलंपिक में भारतीय दल 21वें नंबर पर आया। इसमें भारतीय दल के खिलाड़ी और अधिकारी मिलाकर 25 सदस्य शामिल थे।
टोक्यो ओलिंपिक में 33 खेलों में करीब 11,238 खिलाड़ी 339 गोल्ड के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। ओपनिंग सेरेमनी में जापान के सम्राट नारुहितो भी शामिल हुए। इस दौरान बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को विशेष ओलिंपिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आपको बता दें कि ओलिंपिक गैम्स में हिस्सा लेने वाले हर एथलीट का सपना मेडल जीतना होता है। जीत दर्ज करने वाले खिलाड़ियों को पोडियम पर मेडल पहनाया जाता है। यह लम्हा किसी भी खिलाड़ी के जीवन का सबसे यादगार पल होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। कोविड-19 के कारण इस बार विजेता एथलीटों को खुद ही अपने गले में मेडल डालना होगा। साथ ही मेडल सेरेमनी के दौरान एथलीटों के हाथ मिलाने और गले मिलने पर पाबंदी रहेगी।