बीजिंगः पूरी दुनिया कोरोना की संकट से जूझ रही है, इसी बीच एक और वायरस लोगों को डराने लगा है। बंदरों के जरिए फैलने वाले मंकी बी वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। इसकी चपेट में आने से चीन में पशुओं के एक डॉक्टर की मौत हो गई है। यह चीन में इस वायरस से इंसान में फैले संक्रमण का पहला पुष्ट मामला है। मंकी बी वायरस की चपेट में आने वाले लोगों मरने की दर 70 से 80 फीसदी है।
चाइनीज अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन की राजधानी बीजिंग में जानवरों के एक डॉक्टर की मंकी बी वायरस से मौत हुई है, जो देश में इस वायरस से होने वाली पहली मौत है। हालांकि मृतक के संपर्क में आए लोग अभी पूरी तरह सुरक्षित हैं। 53 साल का ये पशु चिकित्सक एक इंस्टीट्यूट में नॉन-ह्यूमन प्राइमेट्स पर रिसर्च कर रहा था।
अखबार के मुताबिक मृतक डॉक्टर ने मार्च में दो मृत बंदरों पर रिसर्च किया था। इसके बाद उसमें मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण नजर आए थे।संक्रमित चिकित्सक का कई अस्पतालों में इलाज किया गया, लेकिन वह बच नहीं पया और 27 मई को उसकी मौत हो गई।
आइए आपको बताते हैं कि मंकी बी वायरस क्या हैः- इसे हर्पीस बी वायरस भी कहते हैं। हर्पीस बी वायरस या फिर मंकी वायरस आमतौर पर वयस्क मैकाक बंदरों से फैलता है। इसके अलावा रीसस मैकाक, सूअर-पूंछ वाले मैकाक और सिनोमोलगस बंदर या लंबी पूंछ वाले मैकाक से भी यह वायरस फैलता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इससे इंसानों के संक्रमित होने का खतरा बहुत कम है। यदि कोई इंसान इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उसे तंत्रिका संबंधी रोग या फिर दिमाग से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। इंसानों में वायरस के लक्षण एक महीने के भीतर या फिर 3 से 7 दिनों में भी दिखाई दे जाते हैं। इसके लक्षण सभी लोगों में समान नहीं होते हैं।
बोस्टन पब्लिक हेल्थ कमीशन की रिपोर्ट में बताया गया है कि मंकी बी वायरस से संक्रमित व्यक्ति को समय पर इलाज न मिले तो लगभग 70 प्रतिशत मामलों में मरीज की मौत हो सकती है। ऐसे में अगर आपको किसी बंदर ने काट लिया है या खरोंच दिया है तो हो सकता है कि वह बी वायरस का कैरियर हो। ऐसी स्थिति में तुरंत प्राथमिक चिकित्सा शुरू कर देनी चाहिए। घाव वाली जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें।