दिल्लीः कर्नाटक में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की सियासी पारी एक बार फिर समाप्त होने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक युदियुरप्पा 26 जुलाई के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। आपको बता दें कि युदियुरप्पा 16 जुलाई को दिल्ली पहुंचे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की अचानक हुई इस मुलाकात ने येदियुरप्पा के इस्तीफे की अटकलों को हवा दे दी।
येदियुरप्पा ने मोदी से मुलाकात करने के अगले दिन यानी 17 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा ने खुद ही इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन इसके साथ एक शिकायत भी की है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली के नेताओं ने येदियुरप्पा को फिलहाल थोड़े समय और सीएम पद पर बने रहने का भरोसा दिया है, लेकिन येदि अपनी खुशी ज्यादा दिन बरकरार नहीं रख पाएंगे।
अमित शाह और नड्डा से मिलने के बाद येदियुरप्पा के स्वर बदल गए और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, “’अभी इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। शुक्रवार को मैंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी और हमने राज्य के विकास पर विस्तृत रूप से चर्चा की।“ वहीं सूत्रों का कहना है कि येदियुरप्पा का पिच से हटना तय है। उन्हें हाईकमान ने भरोसा दिया है कि वह 26 जुलाई को अपने दो साल के शासन का जश्न मना सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी आलाकमान ने येदियुरप्पा को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है। येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री मोदी से स्पष्ट तौर पर कहा दिया है कि आप चाहें तो इस्तीफा ले लें, लेकिन मुझे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पद पद स्वीकार्य नहीं है। दरअसल, येदियुरप्पा कर्नाटक की राजनीति से तब तक रिटायरमेंट नहीं चाहते, जब तक वह अपने बेटे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित न करवा लें।
अब आपको बताते हैं कि येदिरप्पा इस्तीफा देंगे, तो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री की रेस में सबसे पहला नाम हुबली धारवाड़ पश्चिम सीट से विधायक अरविंद बेल्लाड का है। वहीं दूसरा नाम कर्नाटक के पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार का है। मौजूदा समय में शेट्टार हुबली ग्रामीण सीट से विधायक हैं। इस रेस में तीसरा नाम बिलगी विधानसभा सीट से विधायक एवं कर्नाटक सरकार में खनन और भूविज्ञान मंत्री मुर्गेश निरानी का है, तो चौथा नाम बसवराज बोम्मई का है। बोम्मई तेजतर्रार लिंगायत नेता हैं और मौजूदा समय में सूबे के गृहमंत्री हैं।