चंडीगढ़ः  करीब दो महीने तक चली सियासी घमासान के बाद रविवार को नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के मुखिया बनने में कामयाब हो गए। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिद्धू को तत्काल प्रभाव से पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया।

सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। पार्टी ने कुलजीत नागरा, पवन गोयल, सुखविंदर सिंह डैनी और संगत सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू के विवाद के बीच पार्टी आलाकमान ने सुलह का चार सूत्रीय फॉर्मूला तैयार किया था। इसी के तहत पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ये नियुक्तियां की गई हैं।

अब कांग्रेस सामने सबसे बड़ा पेंच कैप्टन की उस शर्त की है, जो उन्होंने कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के सामने रखी थी। कैप्टन का कहना है कि वह सिद्धू से तभी मिलेंगे, जब सिद्धू अपने पहले दिए गए बयानों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगेंगे।

आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन सरकार पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से लेकर रेत माफिया और बिजली संकट से जुड़े कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसी से कैप्टन नाराज हैं। कैप्टन ने पार्टी आलाकमान के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे रावत से स्पष्ट तौर पर कहा था कि सिद्धू ने जिस तरह सार्वजनिक आरोप लगाए, उसी तरह उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी होगी। इसके बाद ही वह (कैप्टन अमरिंदर) सिद्धू से मिलेंगे।

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