संयुक्त राष्ट्रः ओएचसीएचआर (OHCHR) यानी संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त के दफ्तर ने भारत सरकार से हरियाणा के खोरी गांव से करीब एक लाख लोगों को उनके घरों से बेदखल नहीं करने की अपील की है। इस सिलसिले में आयुक्त के दफ्तर ने भारत सरकार के नाम चिट्ठी लिखी है और कहा है कि मानसून और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच लोगों की हिफाजत जरूरी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हरियाणा सरकार दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर पर बसे खोरी गांव से लोगों को हटा रही है। इसकी वजह यह है कि यहां की करीब 172 एकड़ जमीन को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया है। इसमें से करीब 80 एकड़ क्षेत्र में लोगों के घर बने हुए हैं। शीर्ष अदालत ने सात जून को हरियाणा सरकार को इस इलाके को खाली कराने का आदेश दिया था।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि माइनिंग के चलते खोरी गांव के संरक्षित वन क्षेत्र का दर्जा पहले ही खत्म हो चुके हैं। सरकार ने जब 1992 में इसे संरक्षित वन के तौर पर नोटिफाई किया,तब भी वहां कोई जंगल मौजूद नहीं था। पैनल का कहना है कि भारत सरकार 2022 तक सबको घर मुहैया कराने के अपने ही फैसले के उलट काम कर रही है।
🇮🇳 UN experts call on #India to halt evictions of some 100,000 people that began this week in midst of monsoon rains. India must urgently review its plans for razing #KhoriGaon & consider regularizing the settlement so as not to leave anyone homeless.
👉 https://t.co/RvoBRrCiMZ pic.twitter.com/btHeAeE10Z— UN Special Procedures (@UN_SPExperts) July 16, 2021
आपको बता दें कि दिल्ली और फरीदाबाद के बॉर्डर पर मौजूद यह जमीन माइनिंग खत्म होने के बाद भू-माफियाओं के चंगुल में आ गई। नगर निगम, वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से यहां पर पिछले 40 साल में बड़ी बस्ती बनकर तैयार हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के पैनल का कहना है कि घरों से बेदखल किये जाने वाले एक लाख लोगों में से करीब 20,000 बच्चे हैं। वहीं,लगभग 5000 गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं हैं। ऐसे में मानसून और कोरोना के दोहरे खतरे के बीच उन्हें बेघर नहीं किया जाना चाहिए।
हरियाणा सरकार ने खोरी गांव से लोगों को हटाने के लिए पुनर्वास नीति बनाई है। सरकारी ऐलान के मुताबिक, खोरी के लोगों को डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में खाली पड़े 2545 फ्लैट दिए जाएंगे। इसके लिए लोगों को कुछ शर्तें माननी होंगी और पैसा भी चुकाना होगा।