नई दिल्ली.
सरसों का नाम आते ही सबसे पहले सरसों तेल की याद आती है। मगर आज हम सरसों के दानों के बारे में बात करेंगे। भरतीय व्यंजनों में सरसों के दानों से तड़का लगाया जाता है। ये कई बड़ी बीमारियों के लिए फायदेमंद है। सरसों के बीज में कई औषधीय गुण छिपे हैं। इसे वैज्ञानिक तौर पर ब्रेसिका कैंपेस्ट्रिस के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का इस्तेमाल तेल निकालने के लिए किया जाता है। इसमे कैरोटीनॉयड, फेनोलिक कंपाउंड्स और ग्लूकोसिनोलेट्स जैसे कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स और औषधीय गुण पाए जाते हैं।
-सरसों के दानों में ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोलन पाया जाता है। यह कैंसर को पनपने से रोकने का काम करता है। कई शोध में भी इसकी पुष्टि की गयी है कि सरसों के दानों को नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बहुत फायदा होता है।
-सरसों के दानों में साइनपाइन नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है, जो अस्थमा के लिए फायदेमंद माना जाता है। सरसों तेल का नियमित इस्तेमाल करना माइग्रेन की बीमारी में राहत दिला सकता है।
-इसमें कैरोटिन और विटामिन A,C और K भरपूर मात्रा में होता है, जो स्किन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा सरसों के बीज में एंटी फंगल गुण पाये जाते हैं, जो त्वचा को कई बीमारियों से दूर रखते हैं।
-सरसों में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में मद्द करते हैं। आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को सरसों तेल के इस्तेमाल के लिए कहा जाता है।
-बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए कम से कम 3 बार हफ्ते में सरसों के तेल से मालिश करें। यह समय से पहले बालों को सफ़ेद होने से रोकता है।
सिरदर्द या तनाव के लिए भी सरसों का तेल फायदेमंद होता है।