संवाददाताः कपिल भारद्वाज
नारनौलः सांस्कृतिक अहीरवाल की एक बैठक शनिवार को हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिला के अटेली में हुई, जिसमें अटेली क्षेत्र के लोग सम्मिलित हुए। इस बैठक में सांस्कृतिक अहीरवाल के निदेशक सत्यव्रत शास्त्री भी उपस्थित रहे। बैठक को संबोधित करते हुए सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि सामाजिक लोगों का दायित्व बनता है कि पूर्वजों द्वारा स्थापित मान बिंदुओं को न केवल संरक्षित करें बल्कि उनका आगे बढ़ाने का काम भी करें।

उन्होंने कहा कि सांकृतिक अहीरवाल की स्वीकृति आज संपूर्ण अहीरवाल में हो गई है। श्रीमाधोपुर से तावडू और विराट नगर से फरुखनगर तक सभी लोग इस सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के काम में लगे हुए हैं। देश में सांस्कृतिक राज्यों की कल्पना प्राचीन है और सामाजिक लोगों का दायित्व बनता है कि पूर्वजों द्वारा स्थापित मान बिंदुओं को न केवल संरक्षित करें, बल्कि उनका आगे बढ़ाने का काम भी करें। उन्होंने बताया कि हमारे इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास को दुनिया के समझाने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है।

इस मासिक बैठक में दस गांवों के ग्राम प्रमुख तय किए गए तथा 15 गांव के संपर्क प्रमुख तय किए। अटेली क्षेत्र के 43 गांव की योजना बैठक में बनीं। बैठक के आयोजक प्रदीप सरपंच सराय बहादुर ने कहा की सांस्कृतिक अहीरवाल एक सांस्कृतिक संगठन है, जिसमें जाति धर्म और राजनीति बाधा नहीं है। हम सब मिलकर हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी रीति-रिवाज और परंपराओं को जीवित रखने का काम कर रहे हैं।इस चरण में अटेली क्षेत्र के 43गांवो के इतिहास लेखन की टीम तैयार की जा रही है, जिसके लिए लोगों से संपर्क कर उनको जिम्मेदारी दी जाएगी।

इस बैठक में सराय बहादुर से पूर्व सरपंच सूबे सिंह, फतेहपुर से रामअवतार, महाशय मोहनपुर से राजरूप, कटकई से शेर सिंह साहब, खैरानी मुनी लाल सरपंच, सैदपुर से विकास तिगरा से धर्मेंद्र, उनिंदा से पाल्हा सरपंच भीलवाड़ा से मनजीत को जिम्मेवारी दी गई। इसी प्रकार 15 नए गांव से संपर्क करने के लिए भी जिम्मेवारी तय की गई है। इस बैठक बैठक में पाल्हा सरपंच विनोद कटकई प्रदीप सरपंच उपस्थित रहे।

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