दिल्लीः बढ़ती महंगाई और कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए (DA ) यानी महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया है। कर्ममचारियों को इसका फायदा 01 जुलाई 2021 से ही मिलेगा। सीसीईए (CCEA) यानी आर्थिक मामलों की संसदीय समिति ने बुधवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी।

मोदी सरकार के इस फैसले का लाभ 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। इसके लिए सरकार लगभग 34,401 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

आपको बता दें केंद्र सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर कोरोना कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में वृद्धि पर जून 2021 तक रोक लगाई गई थी। कर्मचारियों और पेंशनर्स को डीए की तीन किश्तें मिलनी बाकी हैं। ये किश्तें 01 जनवरी 2020, 01 जुलाई 2020 और 01 जनवरी 2021 को दी जानी थीं।

अब आपको साधारण शब्दों में समझाते हैं कि डीए यानी महंगाई भत्ता क्या है-
यह कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा होता है, जो कर्मचारी के बेसिक सैलरी का एक निश्चित परसेंट होता है।

डीए में वृद्धि होने से कैसे बदलती है सैलरी-

गणीतीय फॉर्मूले हिसाब से सबसे तो…
कुल डीए अमाउंट = बेसिक पे + ग्रेड पे × डीए

अब सरल भाषा में समझेः कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमे महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। इसके बाद जो नतीजा निकलता है,  उसे डेअरनेस अलाउंस यानी महंगाई भत्ता कहा जाता है। अब इसे एक उदाहरण से समझेः मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 20 हजार रुपए और ग्रेड पे 1800 रुपए है। इन दोनों को जोड़ने पर कुल राशि 21 हजार 800 रुपये  हुई। अब बढ़े हुए 28 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से देखें, तो यह 6104 रुपये हुआ। इसके बाद सबको जोड़कर आपकी कुल सैलरी 27904 रुपये हुई। कर्मचारियों को पहले पहले 17 प्रतिशत डीए के हिसाब से  आपको 25506 रुपये सैलरी मिल रही थी। अब डीए में 11 प्रतिशत  इजाफा होने के बाद हर महीने 2398 रुपये अधिक मिलेगा।

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