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दिल्लीः देश में कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी पड़ने की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन में छूट दे दी है। इसके बाद बाजारों और पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने लगी है, जिस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिंता जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना के हालात पर होने वाली नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर सीमित दायरे में ही सही लेकिन अब भी मौजूद है।

उन्होंने हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसा करना अब तक के लाभ को कम कर सकता है। यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो हम पाबंदियों में दी गई ढील को फिर से खत्म कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि देश में पिछले नौ दिन से लगातार 50 हजार से कम मामले दर्ज  हो रहे हैं। कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत नए मामले देश के 90 जिलों से आ रहे हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, कर्नाटक में ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। कुछ जिलों में ज्यादा संक्रमण देखा जाए तो हमें मानकर चलना पड़ेगा कि दूसरी लहर है। उन्होंने बताया कि देश में कुछ​ ऐसे भी जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भविष्य की चुनौती तीसरी लहर नहीं है, बल्कि ये है कि हम इस पर कैसे काम करते हैं। लहर के पहलू को उजागर करने के बजाय, हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए सही व्यवहार और प्रतिबंधों पर ध्यान देना चाहिए।

उधर, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिमला और मनाली में कोरोना गाइडलाइंस का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा है। आईसीएमआर (ICMR) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हिल स्टेशनों से आ रहीं तस्वीरें भयावह हैं। लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए।

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