कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे तथा पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। अभिजीत ने सोमवार को कोलकाता में टीएमसी की सदस्‍यता ग्रहण की। आपको बता दें कि अभिजीत ने कुछ समय पहले टीएमसी के कई वरिष्‍ठ नेताओं से मुलाकात की थी।  ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि टीएमसी उनको जंगीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। अभिजीत 2019 में जंगीपुर सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे।

टीएमसी में शामिल होने के बाद अभिजीत ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की। उन्‍होंने कहा कि ममता ने जिस तरह हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सांप्रदायिक लहर को रोका, मुझे विश्वास है कि भविष्य में वह दूसरी पार्टियों के समर्थन से पूरे देश में ऐसा कर पाएंगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्राथमिक सदस्यता के अलावा मुझे पार्टी के किसी समूह में शामिल नहीं किया और न ही कोई पद दिया गया। इसलिए मैं एक सैनिक के रूप में टीएमसी में शामिल हुआ हूं। मैं पार्टी के निर्देशों के अनुसार काम करूंगा। अखंडता और धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने के लिए काम करूंगा।

अब बात अभिजीत मुखर्जी के राजनीतिक करियर की करें तो वह राजनीति में आने से पहले सरकारी नौकरी करते थे। प्रणब मुखर्जी के राष्‍ट्रपति बनने के बाद जंगीपुर लोकसभा सीट खाली हो गई, तो 2012 में वह कांग्रेस के टिकट पर यहां से पहली बार उपचुनाव जीत सांसद बने। 2014 लोकसभा चुनाव में वह फिर इस सीट को बचाने में कामयाब रहे, लेकिन 2019 के आम चुनावों में वह हार गए। उनके पिता प्रणब मुखर्जी इस सीट से 2004 और 2009 में जीते थे।

आपको बता दें कि हाल ही में कोलकाता में फर्जी वैक्‍सीनेशन कैंप के मुद्दे पर अभिजीत मुखर्जी ने ममता सरकार का बचाव किया था।

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