दिल्लीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण जान गंवाई वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस संबंध में बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से कहा कि वह कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा दें। हालांकि मुआवजे की रकम कितनी होगी इसका फैसला केंद्र सरकार करेगी। कोर्ट ने रकम की राशि तय करने का काम केंद्र पर छोड़ दिया है।

कोर्ट ने इस संबंध में गाइडलाइन तय करने के लिए सरकार को छह हफ्ते का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह सरकार को तय करना है कि मुआवजा कितना दिया जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना है कि कोरोना के कारण जान गंवाने पर चार लाख मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि ऐसा सिस्टम बनाया जाए कि कम से कम मुआवजा दिया जा सके। आइए अब आपको बताते हैं दो दिन में कोरोना से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों के बारे में –

पहला: मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए केंद्र और एनडीएमए को निर्देश।
दूसरा: इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वे 31 जुलाई तक वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम लागू करें। केंद्र को निर्देश दिए कि वो असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल डेवलप करे ताकि उन्हें स्कीमों का फायदा दिया जा सके। केंद्र राज्यों को राशन मुहैया कराए और राज्य तब तक तब तक कम्युनिटी किचन चलाएं, जब तक देश में महामारी से पनपे हालात खत्म नहीं हो जाते हैं।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों को चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के चलते मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में हलफनामा देकर अपना जवाब दिया था।

सरकार की ओर से कहा गया था कि आपदा कानून के तहत प्राकृतिक आपदा जिसमें कुल 12 जैसे भूकंप, बाढ़ जैसी आपदा है। जिसमें राज्य आपदा राहत कोष के तहत किसी की मौत पर 4 लाख रुपये दिए जाते हैं। कोरोना महामारी उससे अलग है।

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