नई दिल्ली.
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए फेम योजना के दूसरे चरण की समय सीमा को दो साल के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना को एक अप्रैल, 2019 से तीन साल के लिए क्रियान्वित किया गया था। अवधि में विस्तार के बाद अब यह योजना 31 मार्च, 2024 तक देश भर में चलेगी।
केंद्र सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से फेम योजना को 2015 में शुरू किया था। समय सीमा के बढ़ाए जाने से अब इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की मांगों को पूरा करने और योजना के तहत लक्ष्य की पूर्ति करने का पर्याप्त समय मिलेगा।
भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम-2 स्कीम के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी। इस योजना में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी देकर सरकार प्रोत्साहन देती है।
फेम-2 योजना के प्रस्ताव के अंतर्गत मार्च, 2022 तक 10 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, 5 लाख थ्री-व्हीलर, 55,000 इलेक्ट्रिक कार और 7,000 इलेक्ट्रिक बसों को योजना के तहत सब्सिडी का फायदा देना था। हालांकि, फेम-2 वेबसाइट पर तजा आंकड़ों के अनुसार अभी तक देश में कुल 78,000 इलेक्ट्रिक वाहन ही बेचे जा सके हैं।
बता दें कि मंत्रालय ने फेम-2 योजना के तहत दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ा दिया है। अब प्रति किलोवाट क्षमता पर सब्सिडी को 10,000 रुपये बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है। यानी अब 1 किलोवाट की बैटरी वाले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 15,000 रुपये का सब्सिडी दिया जाएगा।
इसके अलावा अब अधिकतम उपलब्ध सब्सिडी की सीमा को भी वाहन की कीमत के 20% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। Fame-2 योजना के तहत सब्सिडी का फायदा उन इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को दिया जाता है जिनकी न्यूनतम रेंज 80 किलोमीटर और रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।