दिल्लीः केंद्र सरकार ने देश में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर यू-टर्न ले लिया है। सरकार ने कहा है कि देश में दिसंबर तक कोरोना वैक्सीन के 135 करोड़ डोज ही उपलब्ध होंगे। सरकार ने यह सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में कही है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले दावा किया था कि देश में दिसंबर तक वैक्सीन की करीब 216 करोड़ खुराक उपलब्ध होगी।
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलाफनाम के मुताबिक वैक्सीन के लिए पहले तय टारगेट में 81 करोड़ वैक्सीन की कमी का अनुमान है। केंद्र सरकार ने शनिवार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 तक कोविड-19 के कुल 135 करोड़ टीके उपलब्ध होंगे। इसमें कोविशील्ड के 50 करोड़, कोवैक्सीन के 40 करोड़, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन के 30 करोड़, जाइडस कैडिला वैक्सीन के पांच करोड़ और स्पूतनिक वी के 10 करोड़ टीके शामिल होंगे।
सरकार ने शनिवार को कोर्ट से कहा कि 31 जुलाई तक कोविड टीके की कुल 51.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें से 35.6 करोड़ खुराक पहले ही मुहैया करायी जा चुकी हैं। वहीं बच्चों के लिए टीका उपलब्ध कराने की स्थिति को लेकर केंद्र ने कहा है कि भारत के दवा नियामक ने 12 मई को भारत बायोटेक को उसके टीके कोवैक्सिन का क्लीनिकल ट्रायल दो से 18 साल के प्रतिभागियों पर करने की अनुमति प्रदान की थी और इस परीक्षण के लिए पंजीकरण शुरू हो चुका है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मई में दिसंबर तक देश में 216 करोड़ कोरोना टीकों की मैन्युफैक्चरिंग का ऐलान किया था। उस समय नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने यह जानकारी दी थी। पॉल ने कहा था, “देश में अगस्त से दिसंबर के दौरान कुल 216 करोड़ कोरोना टीके तैयार किए जाएंगे। ये टीके पूरी तरह से भारत और भारतीयों के लिए ही बनेंगे।“ उन्होंने कहा था कि इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि आने वाले समय में सभी को वैक्सीनेशन के तहत कवर किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने कोर्ट को भी बताया गया कि डीएनए टीका विकसित कर रहे जायडस कैडिला ने 12 से 18 वर्ष के आयु-समूह पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और इसे वैधानिक मंजूरी मिलने के बाद यह टीका निकट भविष्य में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकता है।
इसके साथ ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट को यह भी बताया कि देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि होने के मद्देनजर इससे निपटने के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और इसके बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत कर रहे हैं। केंद्र ने शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में कहा कि इस चरण में मामलों में फिर से वृद्धि होने की संभावना जताना ”काल्पनिक” होगा। हालांकि, संक्रमण के मामलों में इजाफा वायरस के व्यवहार और लोगों के व्यवहार के पैटर्न पर निर्भर करेगा कि क्या वे कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन कर रहे हैं या नहीं?
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