नई दिल्ली.
जायफल के तेल को एक आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि यह एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ कई खास यौगिकों से समृद्ध होता है। इसी वजह से आयुर्वेदिक उपचार में कई तरह से इसका इस्तेमाल किया जाता है। कई शोध भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि जायफल के तेल का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।
आइए, आज इस तेल के कुछ फायदों के बारे में जानते हैं-
-एक शोध के मुताबिक, जायफल का तेल एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुणों से समृद्ध होता है जो किसी भी तरह के शारीरिक दर्द और सूजन से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं। जब भी आपको जोड़ों, मांसपेशियों या फिर पेट में दर्द हो तो इस तेल की कुछ बूंदें अपनी हथेलियों पर मसलें और फिर प्रभावित जगह की हल्के हाथों से मालिश करें। दिन में दो-तीन बार ऐसा करने से दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
-ब्लड सर्कुलेशन का ठीक तरह से काम करना शरीर के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि यह शरीर की सभी कोशिकाओं में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को पहुंचाने में मदद करता है। इसलिए इसको दुरुस्त रखना बेहद जरूरी है। इस काम में जायफल का तेल आपकी मदद कर सकता है। जिन लोगों का ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं है, वे इस तेल की अरोमाथेरेपी (सुगंध से इलाज) से इसको सुधार सकते हैं।
-अगर आप मुंह की समस्या से परेशान हैं तो उससे राहत पाने के लिए भी जायफल का तेल मददगार साबित हो सकता है क्योंकि यह एंटी-बैक्टीरियल गुण से समृद्ध होता है। यह गुण दांतों के प्लाक के साथ-साथ मुंह की दुर्गंध को दूर करने में सहायक हो सकता है। वहीं, एक शोध के मुताबिक, इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण भी मौजूद होते हैं जो दांत दर्द और इसके कारण होने वाली सूजन से राहत दिला सकते हैं।
-लिवर को विषाक्त तत्वों से मुक्त करने में भी जायफल का तेल काफी सहायक सिद्ध हो सकता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफिकेशन गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले ये गुण मरकरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होने वाले विषाक्त तत्वों से बचाव में मदद कर सकते हैं। एक शोध के अनुसार, जायफल में हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण भी मौजूद होता है जो लिवर से जुड़े जोखिम को कम कर सकता है।