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अच्छी खबरः डॉ. गुलेरिया ने कहा, डेल्टा प्लस वैरिएंट के लिए वैक्सीन मिक्सिंग भी है विकल्प,बुस्ट होती है इम्यूनिटी, लेकिन अभी स्टडी की जरूरत

दिल्लीः एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप सिंह गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस जैसे वैरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए वैक्सीनों की मिक्सिंग एक ऑप्शन हो सकती है। उन्होंने शनिवार को कहा कि यह निश्चित तौर पर एक रास्ता हो सकता है, लेकिन इस पर किसी फैसले से पहले हमें और डेटा की जरूरत होगी।

आपको बता दें कि सरकार ने भी पिछले महीने कहा था कि वह वैक्सीनों के मिश्रण के विकल्प पर विचार कर रही है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि म्यूटेटेड वैरिएंट से सुरक्षा और वैक्सीन की कवरेज बढ़ाने के लिए हम ये कदम उठा सकते हैं।

डॉ. गुलेरिया का कहना है कि शुरुआती स्टडी कहती हैं कि वैक्सीनों का मिश्रण भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन अभी हमें डेटा चाहिए। कौन सा कॉम्बिनेशन अच्छा होगा, इस पर अभी रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह एक संभावना है। वैक्सीनों के मिश्रण पर दूसरे देशों में भी प्रयोग किए जा रहे हैं।

डॉ. गुलेरिया के मुताबिक कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सिंगल डोज शायद काफी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि रिसर्च भी कहती हैं कि सिंगल डोज 33 फीसदी तक सुरक्षा देती है, जबकि दोनों डोज देने पर 90 फीसदी तक लोग सुरक्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि अभी हमारी नजर डेल्टा वैरिएंट के नए स्ट्रेन पर बनी हुई है। हम डेल्टा प्लस वैरिएंट को काफी करीब से मॉनिटर कर रहे हैं। अभी डेल्टा प्लस उतना प्रभावी नहीं है,लेकिन डेल्टा वैरिएंट है। हमें डेल्टा प्लस को सतर्क रहकर ट्रैक करने की जरूरत है। इसकी जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत है ताकि पता चल सके कि ये हमारी आबादी पर किस तरह असर कर रहा है।

आपको बता दें कि वैक्सीन मिक्सिंग पर अब तक स्टडी आ चुकी हैः-

  • पहली: द लैंसेट जर्नल में पिछले महीने एक ब्रिटिश स्टडी पब्लिश हुई थी, जिसमें लोगों को एस्ट्राजेनिका यानी कोवीशील्ड की डोज दी गई। इसके बाद दूसरी डोज फाइजर की दी गई थी। इसके कुछ समय के लिए साइड इफेक्ट हुए थे,लेकिन ये बेहद हल्के थे। हालांकि, इसके प्रभाव पर अभी डेटा नहीं मिला है।
  • दूसरी: ब्रिटीश स्टडी से पहले स्पेन की स्टडी सामने आई था। इस स्टडी में कोवीशील्ड और फाइजर की डोज मिक्स करने पर सुरक्षित और प्रभावी पाई गई थीं।

डॉ. गुलेरिया ने कहा देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बहुत सारी चर्चाएं चल रही हैं। लोग कह रहे हैं कि तीसरी वेव दूसरी से भी ज्यादा खतरनाक होगी, लेकिन मुझे लगता है कि आने वाली लहर उतनी बुरी नहीं होगी। हमें दूसरी लहर से सबक लेकर तीसरी लहर से निपटना होगा।

उन्होंने कोरोना के डेल्टा प्लस के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन को लेकर जाहिर की जा रही शंकाओं पर कहा कि अभी हमें इस पर और ज्यादा डेटा की आवश्यकता है। यह पता लगाना पड़ेगा कि किस तरह से नया वैरिएंट बचने की क्षमता रखता है। इन आशंकाओं से हटकर सबसे पहले वैक्सीन लगवाएं। अगर आप ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई हैं तो आप संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव कम होगा।

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