दिल्लीः कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने देशवासियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने किसी भी कंपनी की ओर से कोरोना से संक्रमित एम्पलाई के इलाज और उसकी मौत के बाद परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे को टैक्स फ्री करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि देश की ज्यादातर कंपनियां कोरोना से संक्रमित अपने कर्मचारियों और उनके परिवार वालों को एक्स-ग्रेशिया पेमेंट के जरिए आर्थिक सहायता करने का ऐलान कर रही हैं।
वहीं सरकार ने पैन और आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख भी तीन महीने और बढ़ा दी है। साथ ही टैक्सपेयर्स को एक और राहत देते हुए टीडीएस (TDS) फाइल करने की आखिरी तारीख 30 जून से बढ़ाकर 15 जुलाई कर दी गई है। इस बात की जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को दी।
ठाकुर ने बताया कि कोविड के इलाज के लिए कंपनी या किसी दूसरे व्यक्ति से ली गई रकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह छूट कारोबारी साल 2019-20 और 2021-22 के लिए है। टैक्स छूट किसी व्यक्ति की ओर से अपने दोस्त, रिश्तेदार या किसी दूसरे की मदद के लिए दी गई एक्स-ग्रेशिया पेमेंट पर ही मिलेगी तथा इसकी लिमिट 10 लाख रुपए तक होगी।
उन्होंने बताया कि टैक्स कटौती का क्लेम करने के लिए एक अप्रैल तक किए जाने वाले निवेश को 30 सितंबर तक पूरा किया जा सकता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि नया नोटिफिकेशन कर्मचारियों के सैलरी के हिसाब से मिलने वाली टैक्स छूट से अलग है। इस पर अगले एक-दो दिन में ज्यादा जानकारी दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महामारी के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई। यहां तक कि उन्हें बीमारी के खर्च से भी जूझना पड़ा है। इसलिए सरकार उन्हें टैक्स में रियायत देना चाहती है। इसके तहत अगर कोई कंपनी कोरोना से मरने वाले कर्मचारी के परिवार को एक्स-ग्रेशिया पेमेंट करती है, तो उस रकम पर फाइनेंशियल ईयर 2019-20 और 2021-22 के लिए टैक्स नहीं लगेगा।
वहीं पैन और आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख को 3 महीने आगे बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है। अभी तक यह डेडलाइन 30 जून 2021 थी।