लखनऊः नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर धर्मांतरण का धंधा चलाने वाले मौलानाओं के खिलाफ यूपी की योगी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका लगाने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि यूपी एटीएस ने धर्मांतरण की मुहिम चलाने वाले दो मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। ये दोनों दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने पिछले डेढ़ साल के दौरान नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर देशभर में 1000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण करवाया है। यानी धर्म बदवा कर मुसलमान बनवाया है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं कि एटीएस ने जिन लोगों को लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में गिरफ्तार किया है उनके खिलाफ रासुका लगाया जाए। साथ ही इनकी संपत्तियां जब्त की जाए।
यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के मसले पर लखनऊ से दो लोगों की गिरफ्तारी पर कहा है कि इसके पीछे आईएसआई की फंडिंग है। यूपी एटीएस का दावा है कि धर्मांतरण कराने के तमाम साक्ष्य हाथ लगे हैं। एटीएस ने अपनी एफआईआर में दावा किया है कि यह रैकेट धर्म परिवर्तन के जरिए देश का जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने के लक्ष्य को लेकर काम कर रहा है।
दरअसल इस मामले की शुरुआत दो जून 2021 को गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र से हुई थी। इस क्षेत्र में स्थित डासना देवी मंदिर में घुसने के मामले में सेवादारों ने विपुल विजयवर्गीय और उसके साले कासिफ को पकड़ कर पुलिस को सौंपा था। इस दौरान उनके पास से कुछ सर्जिकल ब्लेड बरामद हुए थे। हालांकि बाद में पता चला कि ये दोनों कप थैरेपी से जुड़े हुए थे। मामला सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण एटीएम की टीम ने दोनों से पूछताछ की तो इस मामले में विपुल का धर्म परिवर्तन करने और उसके बाद कासिम की बहन से शादी की बात सामने आई थी।
एटीएस की टीम ने धर्म परिवर्तन और उसमें विजयनगर के व्यक्ति का नाम सामने आने के बाद विजयनगर में 10 जून को दबिश देकर सलीमुद्दीन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में मसूरी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बाद में एटीएस की टीम ने सलीमुद्दीन से पूछताछ की।
एटीएस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और केरल में भी इस रैकेट का बड़ा नेटवर्क है। इस रैकेट के जरिए इन सभी राज्यों में 1000 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराए जाने के दस्तावेज एटीएस के हाथ लगे हैं। बात यूपी की करें, तो ये लोग यूपी के नोएडा, वाराणसी, कानपुर, मथुरा, गाजियाबाद और अन्य जिलों में सक्रिय थे।
आपको बता दें कि उमर और उसका साथी जहांगीर दिल्ली के जामिया नगर के जोगाबाई एक्सटेंशन में इस्लामिक दावाह सेंटर नामक एक संस्था के जरिए पूरा नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। एटीएस की एफआईआर में इस संस्था के चेयरमैन को भी नामजद किया गया है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस काम के लिए इनके तथा इनकी संस्था के बैंक खातों में कई माध्यमों से भी लाखों की रकम आने के साक्ष्य एटीएस को मिले हैं। एटीएस संस्था के इनकम टैक्स रिटर्न बैंक खातों की डिटेल और पिछले कुछ सालों में हुए बड़े ट्रांजेक्शन की जांच कर रही है। एटीएस को विदेशों से भी फंडिंग होने के साक्ष्य मिले हैं। एटीएस इस संबंध में केंद्रीय एजेंसियों जांच और खुफिया एजेंसियों की मदद लेकर इन विदेशी बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटा रही है।