मुंबई.
राज्य सरकार द्वारा दो दिनों का मानसून सत्र लेने के निर्णय का विरोध करते हुए विधानसभा के विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने सीधा सवाल किया कि बार में भीड़ चलती है, पार्टी कार्यालय के उद्घाटन में भी भीड़ चलती है फिर सत्र क्यों नहीं? विधानसभा सत्र के दिन नजदीक आते ही हमे ध्यान आया कि कोरोना आया है। राज्य के सामने इतनी गंभीर समस्या है।
फडणवीस ने कहा कि सरकार सिर्फ दो दिन का सत्र बुलाकर राज्य की जनता का अपमान किया है। लोकतंत्र को खत्म करने का काम इस सरकार ने शुरू किया है। उन्होंने कहा कि राज्य की समस्या को तो छोड़ो, यह सरकार तो विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम भी नहीं करवा पाई। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव पर कोई कदम नहीं उठाया। राजयपाल ने विधानसभा अधक्ष पद का चुनाव कराने का पत्र सरकार को बहुत पहले दे दिया है, लेकिन संविधान के सभी नियमों का उल्लंघन कर राज्य के मंत्री मस्ती में हैं। यह सरकार अप्रतिबंधित हो गई है, फिर हमें सवाल पूछना है कि नहीं?
बता दें कि महराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की महाविकास अघाड़ी की सरकार है। बीते कुछ दिनों से गठबंधन में जुबानी जंग जारी है। इस बीच शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता प्रताप सरनाईक ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बीजेपी के साथ गठबंधन की बात कही है। सत्र के पहले इस बात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें भी इस पर जमी हुई हैं। जिनके अनुसार अगर किसी पदाधिकारी को समस्या होती है तो वह सीधे पार्टी के नेतृत्व के पास जाता है। सीएम को पत्र लिखकर उसे वायरल करना साफ दर्शाता है कि शिवसेना के नेताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच दूरी बढ़ी है। आपसी संवाद की कमी के अलावा विधायक की यह बात भी गौर करने लायक है कि वह अकेले ही संघर्ष कर रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी सत्ता में है।