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कांग्रेस का श्वेत पत्रः राहुल ने कोविड की तीसरी लहर को लेकर सरकार को किया आगाह, जानिए दिए हैं कौन-कौन से सुझाव

दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कोरोना को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का फोकस ऑक्सीजन पर नहीं, बल्कि बंगाल चुनाव पर था। उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि लोगों की जान प्रधानमंत्री के आंसुओं से नहीं, बल्कि ऑक्सीजन से बचाई जा सकती थी।

कांग्रेस नेता ने आज यहां पीसी के दौरान कोविड मिसमैनेजमेंट पर एक रिपोर्ट भी जारी की, जिसे उन्होंने ‘व्हाइट पेपर’ नाम दिया है। उन्होंने कहा कि इस ‘व्हाइट पेपर’ का मकसद कोरोना की तीसरी लहर से बचने में देश की मदद करना है। उन्होंने कहा कि कोविड दूसरी लहर सरकार की लापरवाही की वजह से खतरनाक हुई। अब तीसरी लहर के लिए हमें पहले से ही तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीनेशन है। सरकार को तेजी से वैक्सीनेशन ड्राइव को बढ़ाना होगा।

उन्होंने कहा कि वायरस लगातार म्यूटेड हो रहा है। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कि विशेषज्ञों ने पहले ही दूसरी लहर की चेतावनी जारी की थी। इसके बाद भी सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए। इसलिए हमने इस पेपर में पूरी डीटेल के साथ उन गलतियों के बारे में बताया है और तीसरी लहर से लड़ने के लिए सुझाव भी दिए हैं। पुरानी गलतियों को सुधार कर ही थर्ड वेव से लड़ा जा सकता है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि ‘व्हाइट पेपर’ का मकसद रास्ता दिखाने का है और इसके लिए हमने इसमें मेन पॉइंट दिए हैं।

  • तीसरी लहर की तैयारी अभी से शुरू की जाए। पिछली गलतियों को फिर से न दोहराया जाए।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। ऑक्सीजन, बेड, दवा की कमी न हो। थर्ड वेव में हर गांव, हर शहर में ऑक्सीजन जैसी सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए।
  • कोरोना बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है, यह इकोनॉमिकल-सोशल बीमारी है। इसलिए सबसे गरीब लोगों, छोटे उद्योग-धंधों को आर्थिक सहायता देने की जरूरत है। हमने न्याय योजना की सलाह दी है। अगर प्रधानमंत्री को नाम नहीं पसंद, तो वे योजना का नाम बदल सकते हैं। इससे गरीबों तक सीधे आर्थिक मदद पहुंचाई जा सकेगी।

 कोविड कंपंसेशन फंड बनाया जाए। जिन परिवारों में किसी मौत कोरोना से मौत हुई है, उन्हें इस फंड से सहायता राशि दी जाए।

उन्होंने बताया कि कोविड से दो तरीकों की डेथ होती है। पहली- ऐसी जो नहीं होनी चाहिए थी, जिन्हें बचाया जा सकता था। दूसरी- जिन्हें कई गंभीर बीमारियां हईं। भारत में सेकंड वेव में 90 प्रतिशत मौतें बेवजह थीं। इन्हें बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इन मौतों की सबसे बड़ी वजह ऑक्सीजन की कमी थी। मैंने कई डॉक्टर्स से बात की, उनका कहना है कि अगर समय से ऑक्सीजन दी जाती, तो इन मौतों का टाला जा सकता था। हमारे देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।

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